हरियाणा Exit Poll Result 2019: सर्वे में जीतते दिख रहे हैं हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा

भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ है किलोई (File Photo)
हरियाणा Exit Poll Result 2019: साल 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में पार्टी की हार के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hudda) ने इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वो सोनीपत से लोकसभा चुनाव भी हार गए.
- News18Hindi
- Last Updated: October 21, 2019, 8:35 PM IST
नई दिल्ली. हरियाणा (Haryana) के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस (Congress) का सबसे बड़ा चेहरा भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) एग्जिट पोल सर्वे में चुनाव जीतते नजर आ रहे हैं. हरियाणा की राजनीति में लगातार दो बार सीएम बनने वाले हुड्डा पहले राजनेता हैं, लेकिन पिछले पांच साल से यहां हुड्डा की हुंकार सुनाई नहीं दे रही है. वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) में पार्टी की हार के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वो सोनीपत से लोकसभा चुनाव भी हार गए.
हालांकि, इसके बावजूद जाटों में हुड्डा की अहमियत और वजूद को कम करके नहीं आंका जा सकता है. हुड्डा के समर्थक उन्हें भूमिपुत्र कहते हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा गढ़ी सांपला-किलोई से चुनाव लड़ रहे हैं. साल 2000 में हुड्डा ने यहां पहली बार जीत हासिल की थी. पिछले 19 साल से हुड्डा इस सीट पर अपराजेय हैं. साल 2014 में हुड्डा ने इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के सतीश नांदल को हराया था. अब सतीश नांदल बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
1972 में राजनीति में रखा कदम
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने वर्ष 1972 में राजनीति में कदम रखा था. अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में वो ब्लॉक कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रहे. बाद में साल 1980 से 1987 के दरम्यान वो हरियाणा प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष, पंचायत समिति के अध्यक्ष और हरियाणा की पंचायत परिषद के अध्यक्ष रहे.वर्ष 1991, 1996, 1998 और 2004 के लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव जीते और लगातार चार बार लोकसभा के सदस्य बने. हरियाणा में हुड्डा की हुंकार को इस आंकड़े से समझा जा सकता है कि उन्होंने तीन बार लोकसभा चुनाव में पूर्व उपप्रधानमंत्री और हरियाणा के पूर्व सीएम रहे चौधरी देवीलाल को हराया है.
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हालांकि, इसके बावजूद जाटों में हुड्डा की अहमियत और वजूद को कम करके नहीं आंका जा सकता है. हुड्डा के समर्थक उन्हें भूमिपुत्र कहते हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा गढ़ी सांपला-किलोई से चुनाव लड़ रहे हैं. साल 2000 में हुड्डा ने यहां पहली बार जीत हासिल की थी. पिछले 19 साल से हुड्डा इस सीट पर अपराजेय हैं. साल 2014 में हुड्डा ने इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के सतीश नांदल को हराया था. अब सतीश नांदल बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
1972 में राजनीति में रखा कदम
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने वर्ष 1972 में राजनीति में कदम रखा था. अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में वो ब्लॉक कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रहे. बाद में साल 1980 से 1987 के दरम्यान वो हरियाणा प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष, पंचायत समिति के अध्यक्ष और हरियाणा की पंचायत परिषद के अध्यक्ष रहे.वर्ष 1991, 1996, 1998 और 2004 के लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव जीते और लगातार चार बार लोकसभा के सदस्य बने. हरियाणा में हुड्डा की हुंकार को इस आंकड़े से समझा जा सकता है कि उन्होंने तीन बार लोकसभा चुनाव में पूर्व उपप्रधानमंत्री और हरियाणा के पूर्व सीएम रहे चौधरी देवीलाल को हराया है.
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