बीजेपी सांसद राजकुमार सैनी ने कहा है कि जाट आंदोलनकारी जनता और सरकार के धैर्य का इम्तिहान न लें. बाकी के 90 फीसदी लोग उनसे दबते नहीं, उनके गुलाम नहीं हैं. कहीं ऐसा न हो कि जाटों का यह कदम प्रजातंत्र के लिए घातक हो जाए और देश के अंदर कोई आंतरिक गदर खड़ा हो जाए.
जाट आरक्षण के खिलाफ खुले तौर पर आवाज उठाने वाले कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद राजकुमार सैनी ने कहा है कि जाट आंदोलनकारी सरकार और जनता के धैर्य की परीक्षा न लें. सैनी का मानना है कि जाट आंदोलनकारी फिर से 2016 की तरह के हालात पैदा कर रहे हैं.
फरवरी 2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करने वालों ने आरोप लगाया कि उन्हें उकसाने का काम राजकुमार सैनी ने किया था. वर्तमान में चल रहे जाटों के आंदोलन और उससे जुड़े अन्य पहलुओं को लेकर सैनी से न्यूज18 हिंदी डॉटकॉम संवाददाता ओम प्रकाश ने नार्थ एवेन्यू दिल्ली स्थित आवास पर बातचीत की. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश:
न्यूज18 हिंदी: जाट आरक्षण मांगने वाले आंदोलनकारी फिर सड़क पर हैं, आपका लोकतंत्र सुरक्षा मंच क्या कर रहा है?
राजकुमार सैनी: एक वर्ष पहले हरियाणा के अंदर जो तांडव हुआ आज फिर उसी प्रकार लोग सड़कों पर डंटे हुए हैं. संविधान ने सबको समान रोजगार, समान अधिकार दिया है. इस देश में अब अगर शांति स्थापित करनी है तो सबसे जरूरी है कि सौ फीसदी आरक्षण लागू किया जाए. अन्यथा इसी प्रकार कहीं मराठा, कहीं पटेल, कहीं जाट और गुर्जर आंदोलन चलते रहेंगे.
न्यूज18 हिंदी: सौ फीसदी आरक्षण से आपका क्या मतलब है?
राजकुमार सैनी: आज सरकार जातिगत गणना जारी करे. श्वेत पत्र जारी करे. नौकरियों में जिसका घाटा लगा उसे पूरा करे. जिन लोगों ने ज्यादा लाभ ले रखा है उसे हटाए या फिर आगे के लिए बैन करे. इसी व्यवस्था के तहत यह देश शांति हासिल कर सकता है. अन्यथा ताकतवर लोग इसी तरह सड़क पर आकर उत्पात मचाते रहेंगे. सबको उनकी संख्या के हिसाब से आरक्षण मिलेगा तो कोई नेता किसी पर आरोप नहीं लगाएगा. न ही कोई किसी के साथ चीटिंग करेगा.
न्यूज18 हिंदी: जाट आंदोलनकारी अपने समर्थक युवाओं को जेल से छोड़ने की मांग कर रहे हैं. क्या आप इससे इत्तेफाक रखते हैं?
राजकुमार सैनी: अगर देश में इस परंपरा को बल मिला, इस प्रकार लोगों को छोड़ दिया गया तो मेरा यह स्पष्ट कहना है कि देश में अदालतों की जरूरत नहीं रह जाएगी. कोर्ट कचहरी का कोई मतलब नहीं रह जाएगा. फिर तो घर फूंको, जान लो और नौकरी पाओ. जब चाहो जनता के बलबूते सड़कें रोको और जेल बंद लोगों को छुड़वा लो.
न्यूज18 हिंदी: जाट आंदोलनकारी दिल्ली में दूध, सब्जी की आपूर्ति रोकने का ऐलान कर रहे हैं. आपकी क्या रणनीति है?
राजकुमार सैनी: आंदोलनकारी जनता और सरकार के धैर्य का इम्तिहान न लें. बाकी के 90 फीसदी लोग उनसे दबते नहीं, उनके गुलाम नहीं हैं. सरकार ने आंदोलनकारियों को रियायतें दी हैं, नौकरी देने की बात कही है. परंपरा गलत पड़ते हुए भी हमने मुआवजा दिया है कि आग बुझाने के लिए ठीक है. चुप्पी साध ली कि ले देकर भी आग बुझती है तो सबका भला है. जाटों ने ये धमकियां पहले भी दी थीं. उन्होंने नहर भी काट दी थी. जनता और सरकार दोनों इस मसले को शांति से निपटाना चाहते हैं. अगर किसी प्रकार से ज्यादा खींच दिया जाता है तो रस्सी टूट जाती है. कहीं ऐसा न हो कि जाटों का यह कदम प्रजातंत्र के लिए घातक हो जाए और देश के अंदर कोई आंतरिक गदर खड़ा हो जाए.
न्यूज18 हिंदी: जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक आप पर जाटों को उकसाने का आरोप लगा रहे हैं, कितनी सच्चाई है?
राजकुमार सैनी: आज मैं दस दिन से एक शब्द बोला नहीं. अब किसने उकसाया. मैं यशपाल से ही पूछना चाहता हूं कि अब किसने उकसाया. वो पिछली बात का जवाब तो बाद में देना पहले आज का दे दें. आज यशपाल मलिक अपने लोगों को इस कदर भड़का रहे हैं कि जो शब्द उसके मुंह से निकल गया मानो वही आदेश हैं. उसके लिए न सुप्रीम कोर्ट कुछ है न हाईकोर्ट न पालिर्यामेंट और एमपी, एमएलए और सरकार. जो फैसला उसने दे दिया वही सारे देश को लागू करना पड़ेगा. ये जो व्यवस्था है प्रजातंत्र के लिए घातक है.
न्यूज18 हिंदी: आरोप तो यह लगते हैं कि बीजेपी ने आपके सहारे हरियाणा में ग़ैर जाट का सियासी दांव चला, प्रदेश को जाट और गैर जाट में बांट दिया.
राजकुमार सैनी: बीजेपी ने थोड़े ही बांट दिया. जाटों ने अपने आप सबको बांटने का प्रयास किया. जिस प्रकार ये लोग जाट एकता जिंदाबाद के नारे लगाते हैं, बोलते हैं कि मैं जाट पहले हूं, तो फिर आप जाट पहले बने रहो न, राजनीतिज्ञ क्यों बनते हो. ये लोग जब शपथ लेते हैं मंत्री, विधायक की तो जाति से ऊपर उठकर सबके लिए काम करने की बात करते हैं. कहते हैं कि सबके लिए काम करुंगा लेकिन बाद में भूल जाते हैं.
न्यूज18 हिंदी: जाट आंदोलन खत्म करवाने के लिए आपसे सीएम ने कोई सलाह ली?
राजकुमार सैनी: सीएम मनोहरलाल को इस बारे में मेरी सलाह की कोई जरूरत नहीं. जो निर्णय लेंगे वह खुद लेंगे, क्योंकि वह मुख्यमंत्री हैं. जो उनका विवेक कहेगा वह करेंगे.
न्यूज18 हिंदी: जाट आंदोलनकारी सरकार से आपके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं
राजकुमार सैनी: आज तक मेरा एक भी शब्द वो साबित कर दें कि किसी जाति के खिलाफ बोला हो तो खुद ही रिजाइन कर दूंगा. अगर पार्टी को लगेगा कि मैं कुछ गलत कर रहा हूं तो उसके पास अधिकार सुरक्षित है वह कभी भी निकाल सकती है. पार्टी ने मुझसे स्पष्टीकरण मांगा था. मैने जवाब भेज दिया था. मैने अगर गलत बोला था तो उसकी वीडियो क्लिप मुझे और सरकार को भेजें. मैने तो कभी गलत बयानी नहीं की.
न्यूज18 हिंदी: आंदोलनकारियों का दावा है कि उन्हें हरियाणा की 36 बिरादरी का समर्थन प्राप्त है, आपका क्या कहना है?
राजकुमार सैनी: लोगों को एकत्र करके सरकार पर दबाव डाला जा रहा है. दिखाया जा रहा है कि यह तांडव 36 बिरादरी के लोग कर रहे हैं जबकि यह सिर्फ जाति विशेष का आंदोलन है. कोई चाय पीने, हलवा खाने और दारू पीने चला गया तो उससे कहलवा देते हैं कि लोग समर्थन दे रहे हैं. कोई भी इस प्रकार से आरक्षण बांटने का पक्षधर नहीं है.
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