त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब (Biplab Deb) के द्वारा हरियाणा के जाटों और पंजाब के लोगों को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद उनका चौतरफा विरोध शुरू हो गया है. बिप्लब देब का विरोध न केवल विपक्षी दल कर रहे हैं बल्कि उनके पार्टी के लोग ही अब बिप्लब देब के खिलाफ हो गए हैं. खासकर हरियाणा से बीजेपी के तमाम कद्दावर नेताओं ने बिप्लब देव के बयान पर नाराजगी जताई है. भारतीय जनता पार्टी के हरियाणा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ (Om Prakash Dhankhar) ने बिप्लब देब के बयान को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है.
ओपी धनखड़ ने कहा है कि बिप्लब देब का बयान गलत है, लेकिन अच्छी बात है कि उन्होंने अपनी यह गलती जल्दी स्वीकार कर ली है. धनखड़ ने कहा कि बिप्लब देब ने ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी गलती को स्वीकार किया है.
दरअसल हरियाणा में एक विधानसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव होने वाला है और यह विधानसभा सीट जिसे बरोदा विधानसभा सीट के नाम से जाना जाता है. ये पूरी तरीके से जाट वोट बाहुल्य सीट है. इसलिए बीजेपी को यह डर सता रहा है कि कहीं बिप्लब के इस बयान का खामियाजा उन्हें इस चुनाव में ना उठाना पड़ जाए. इसलिए खुद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ जो कि खुद भी जाट समाज से आते हैं उन्होंने इसका विरोध किया है.
सीएम बिप्लब कुमार देब ने कहा था कि अगर हम पंजाब के लोगों की बात करें तो हम कहते हैं, वह एक पंजाबी हैं, एक सरदार हैं! सरदार किसी से नहीं डरता. वे बहुत मजबूत होते हैं लेकिन दिमाग कम होता है. कोई भी उन्हें ताकत से नहीं बल्कि प्यार और स्नेह के साथ जीत सकता है. वहीं उन्होंने कहा था कि मैं आपको हरियाणा के जाटों के बारे में बताता हूं. तो लोग जाटों के बारे में कैसे बात करते हैं. वे कहते हैं जाट कम बुद्धिमान हैं, लेकिन शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं. यदि आप एक जाट को चुनौती देते हैं, तो वह अपनी बंदूक अपने घर से बाहर ले आएगा.
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FIRST PUBLISHED : July 22, 2020, 08:16 IST