पंचायत का फरमान- किसान आंदोलन में परिवार के एक सदस्य का जाना जरूरी, नहीं गए तो 2000 रुपये जुर्माना

पंचायत का तुगलकी फरमान
Kisan Aandolan: किसान आंदोलन में शामिल होने के साथ-साथ हर परिवार को 100 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से खर्चा-पानी के लिए भी राशि देने का सुनाया गया फरमान.
- News18Hindi
- Last Updated: February 1, 2021, 9:31 AM IST
चंडीगढ़. पिछले 68 दिनों से दिल्ली से लगती सीमाओं पर किसानों का आंदोलन (Kisan Aandolan) जारी है. किसान शुरू से ही नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. इस बीच 26 जनवरी को आंदोलन में नया मोड़ आया, जब बड़ी संख्या में अराजक तत्व लाल किले पर पहुंच गए और वहां पर जमकर तोड़फोड़ की. इसके बाद कई संगठनों ने आंदोलन से खुद को अलग कर लिया और बड़ी संख्या में किसान वापस घरों को चले गए. आंदोलन खत्म होता देख भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत भावुक हो गए, जिसके बाद अब फिर से बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शनस्थलों पर पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही पंजाब की एक पंचायत ने अजीबो-गरीब फरमान सुनाया है.
दरअसल मोगा के गांव साफूवाला की ग्राम पंचायत ने एक अजीबो गरीब फैसला सुनाया. इस फैसले के अनुसार गांव के हर घर से एक सदस्य दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होगा. यहीं नहीं जिस परिवार से कोई भी सदस्य दिल्ली नहीं जायेगा उसे 2 हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा. वहीं हर ग्रामीण से 100 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से वहां खर्चे पानी के लिए लिया जाएगा. अगर वहां किसी को कोई नुकसान होता है तो उसकी भरपाई पूरा समूह करेगा. यह फरमान मोगा के गांव के सरपंच ने पढ़ कर सुनाया.
वहीं बठिंडा में विर्क खुर्द ग्राम पंचायत ने किसान आंदोलन को लेकर एक बैठक की. जिसमें फैसला लिया गया कि हर परिवार से एक-एक सदस्य को किसान आंदोलन में भेजा जाएगा, जो वहां जाकर नए कृषि कानूनों का विरोध करेंगे. साथ ही उनके लिए प्रदर्शनस्थल पर कम से कम एक हफ्ते रहना अनिवार्य है. वहीं अगर किसी परिवार ने ऐसा करने से मना किया तो उसके ऊपर 1500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. अगर उसने जुर्माने की राशि देने से मना कर दिया, तो उसका समाज से सामूहिक रूप से बहिष्कार किया जाएगा.
दरअसल मोगा के गांव साफूवाला की ग्राम पंचायत ने एक अजीबो गरीब फैसला सुनाया. इस फैसले के अनुसार गांव के हर घर से एक सदस्य दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होगा. यहीं नहीं जिस परिवार से कोई भी सदस्य दिल्ली नहीं जायेगा उसे 2 हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा. वहीं हर ग्रामीण से 100 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से वहां खर्चे पानी के लिए लिया जाएगा. अगर वहां किसी को कोई नुकसान होता है तो उसकी भरपाई पूरा समूह करेगा. यह फरमान मोगा के गांव के सरपंच ने पढ़ कर सुनाया.
सामूहिक रूप से बहिष्कार
वहीं बठिंडा में विर्क खुर्द ग्राम पंचायत ने किसान आंदोलन को लेकर एक बैठक की. जिसमें फैसला लिया गया कि हर परिवार से एक-एक सदस्य को किसान आंदोलन में भेजा जाएगा, जो वहां जाकर नए कृषि कानूनों का विरोध करेंगे. साथ ही उनके लिए प्रदर्शनस्थल पर कम से कम एक हफ्ते रहना अनिवार्य है. वहीं अगर किसी परिवार ने ऐसा करने से मना किया तो उसके ऊपर 1500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. अगर उसने जुर्माने की राशि देने से मना कर दिया, तो उसका समाज से सामूहिक रूप से बहिष्कार किया जाएगा.