चंडीगढ़. हरियाणा में 25 सितंबर से खरीफ सीजन की शुरुआत होने जा रही है. फसल खरीद के लिए मंडियों में आने वाले किसी भी किसान को कोई समस्या नहीं आएगी. मंडियों में शेड, सड़कें, पैकेजिंग बैग, तुलाई मशीनें आदि ठीक कर लें ताकि किसान परेशान न हो. फसल खरीद में कोताही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ये निर्देश प्रदेश के डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने दिये. खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड, हैफेड, हरियाणा वेयरहाउसिंग कारपोरेशन समेत अन्य एजेंसियों के अधिकारियों से खरीफ फसलों की खरीद को लेकर तैयारियों का जायजा लिया. बैठक में हैफेड के चेयरमैन कैलाश भगत समेत कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने बताया कि खरीफ फसलों की खरीद की तैयारियां प्रदेशभर में जोरों पर चल रही है. राज्य सरकार इस बार धान फसल की खरीद 25 सितंबर से शुरू करेगी और यह खरीद कार्य 15 नवंबर तक चलेगा. वहीं बाजरा, मक्का, मूंग आदि फसल की खरीद 1 अक्टूबर से 15 नवंबर तक होगी. दुष्यंत चौटाला ने बताया कि इस वर्ष धान खरीद के लिए करीब 200 खरीद केंद्र बनाए गए है। इसी तरह बाजरा के लिए 86, मक्का के लिए 19 और मूंग के लिए 38 खरीद केंद्र होंगे. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने इस खरीफ सीजन में धान के लिए 1940, बाजरा के लिए 2250, मक्का के लिए 1870 रुपये व मूंग के लिए 7275, मूंगफली के लिए 5550 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है.
डिप्टी CM ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान मंडी में अपनी फसल बेचने के लिए अपना पंजीकरण जरूर करवाएं, क्योंकि 31 अगस्त तक मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है. दुष्यंत चौटाला ने बताया कि अब तक धान बेचने के लिए 2 लाख 90 हजार, बाजरा के लिए 2 लाख 45 हजार व मूंग के लिए 66 हजार से अधिक किसानों ने अपना पंजीकरण करवा लिया है.
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