चंडीगढ़. रोहतक की सुनारिया जेल से पेरोल पर बाहर आया राम रहीम असली नहीं नकली है इसकी जांच कराने के लिए डेरा समर्थकों की ओर से पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका डाली गई थी. इस याचिका में कहा गया था कि पैरोल पर बाहर आए डेरा मुखी के हाव भाव असली राम रहीम जैसे नहीं हैं. असली डेरा मुखी को राजस्थान ले जाया गया है. याचिका में इस मामले में सरकार से जांच करवाने की मांग की गई. सोमवार को इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने डेरा समर्थकों की इस याचिका को खारिज कर दिया है.
हाईकोर्ट ने समर्थकों की याचिका पर कहा कि लगता है इन्होंने कोविड में कोई फिक्शन मूवी देखी है, जो इस तरह की याचिका दाखिल की गई है. हाईकोर्ट ने कहा कि कोर्ट ऐसे केस सुनने के लिए नहीं बनी है. कोर्ट ने राम रहीम के समर्थकों की याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस याचिका को डालने से पहले अपना दिमाग इस्तेमाल करते. क्या ह्यूमन क्लोनिंग संभव है. फिल्मी बाते मत करो. अखबार और टीवी में ये सब चल रहा है.
बता दें कि रोहतक की सुनारिया जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को जेल विभाग की ओर से पैरोल दी गई है. 17 जून की सुबह को राम रहीम जेल से बाहर लाया गया था पैरोल अवधि के दौरान यूपी के बागपत आश्रम में रह रहा है. यह आश्रम बागपत के गांव बरनावा में स्थित है और यहीं राम रहीम रुका हुआ है. हरियाणा सरकार की ओर से राम रहीम को एक महीने की पैरोल दी गई है.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल मिलने के बाद की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इन वीडियो में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम अपने समर्थकों से मिल रहा है. पैरोल मिलने के बाद से राम रहीम उतर प्रदेश के बागपत ज़िले में बने बरनावा आश्रम में रह रहा है. राम रहीम ने डेरा मैनज्मेंट से जुड़े लोगों से बैठकें भी कर रहा है
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