1980 में आज ही के दिन भारतीय हॉकी टीम ने ओलिंपिक में आखिरी बार स्वर्ण पदक जीता था. 1928 से 1956 तक लगातार छह ओलिंपिक खेलों में स्वर्ण पदक हासिल करके भारतीय हॉकी टीम ने पूरी दुनिया में अपने खेल का लोहा मनवाया था.
आपको बता दें कि 1980 के बाद करीब तीन दशक से अधिक समय हो चुका भारतीय हॉकी टीम इस प्रतियोगिता में कोई चमत्कार नहीं कर सकी है. 1980 के उस निर्णायक मैच में मुकाबला स्पेन से हुआ, जिसमें भारत ने 4-3 से जीत हासिल की थी.
70 के दशक के बाद ही हॉकी में नीदरलैंड्स और जर्मनी का दबदबा बना हुआ है. ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम का सबसे खराब प्रदर्शन वर्ष 2008 में देखने को मिला जब वो बीजिंग ओलंपिक के लिए क्वालिफाई तक नहीं कर सकी.
वर्ष 1980 में मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद भारतीय हॉकी टीम उसके बाद पदक जीतना तो दूर किसी भी ओलंपिक के सेमिफाइनल तक भी नहीं पहुंच पाई है.
वासुदेवन भास्करन (कप्तान), एलन स्कोफील्ड, बीर बहादुर छेत्री, सेलवेनस डंगडंग, देविंदर सिंह, गुरमेल सिंह, रविंदर पाल सिंह, सौम्या मेनपांडे, महाराज कृष्ण कौशिक, चरणजीत कुमार, मारविन फर्नांडीस, अमरजीत सिंह राणा, मोहम्मद शाहिद, जफर इकबाल, और सुरिंदर सिंह सोढ़ी.
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FIRST PUBLISHED : July 29, 2015, 09:04 IST