हरियाणा में मौसम: 17 जनवरी तक बेहाल करेंगी सर्द रातें, कई साल का रिकॉर्ड टूटने की संभावना

यदि मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है, तो मौसम विभाग शीत लहर घोषित करता है (फोटो- AP)
Haryana Weather Update: मौसम गेहूं की फसल (wheat crop) के अनुकूल बना हुआ है, जितनी अधिक ठंड गिरेगी उतना ही फायदा फसल को होगा,
- News18Hindi
- Last Updated: January 14, 2021, 8:23 AM IST
चंडीगढ़. पहाड़ों में हो रही बर्फबारी (Snowfall) का असर अब मैदानी क्षेत्र में व्यापक रूप से देखने को मिल सकता है. मौसम विभाग के अनुसार 17 जनवरी तक अधिक ठंड रहने की संभावना है. हरियाणा के कई जिलों में बुधवार को भी दिन के तापमान में भारी गिरावट देखने को मिली है. न्यूनतम तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग की मानें तो हरियाणा में तापमान लगातार गिर सकता है. रात के साथ दिन के तापमान भी गिरावट देखने को मिल रही है. शीतलहर और धुंध 17 जनवरी तक बेहाल कर सकती है.
मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी में हर साल न्यूनतम तापमान में गिरावट के साथ यह 3.0 डिग्री से नीचे गया है. लेकिन, इस समय मौसम की जो परिस्थितियां बनी हुई हैं उससे संभावना जताई जा रही है कि सर्दी कई साल का रिकॉर्ड तोड़ सकती है. 20 जनवरी तक न्यूनतम तापमान अब तक के सबसे निचले स्तर पर जा सकता है.
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो इन दिनों ठंड चरम पर होती है, जब भी न्यूनतम तापमान 4.0 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाता है तो पाला जमने की संभावना बढ़ जाती है. इस समय रात का तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है. इसमें काफी गिरावट देखने को मिलेगी. पाला जमने की प्रबल संभावना बनी हुई है.
इस समय मौसम गेहूं की फसल के अनुकूल बना हुआ है, जितनी अधिक ठंड गिरेगी उतना ही फायदा फसल को मिलेगा, लेकिन यह ठंड लंबे समय तक बरकरार रहनी चाहिए. सरसों की फसल भी ठंड में अच्छे से लहला रही हैं. आलू व टमाटर की फसल को पाला गिरने पर नुकसान झेलना पड़ सकता है.
मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी में हर साल न्यूनतम तापमान में गिरावट के साथ यह 3.0 डिग्री से नीचे गया है. लेकिन, इस समय मौसम की जो परिस्थितियां बनी हुई हैं उससे संभावना जताई जा रही है कि सर्दी कई साल का रिकॉर्ड तोड़ सकती है. 20 जनवरी तक न्यूनतम तापमान अब तक के सबसे निचले स्तर पर जा सकता है.
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो इन दिनों ठंड चरम पर होती है, जब भी न्यूनतम तापमान 4.0 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाता है तो पाला जमने की संभावना बढ़ जाती है. इस समय रात का तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है. इसमें काफी गिरावट देखने को मिलेगी. पाला जमने की प्रबल संभावना बनी हुई है.
इस समय मौसम गेहूं की फसल के अनुकूल बना हुआ है, जितनी अधिक ठंड गिरेगी उतना ही फायदा फसल को मिलेगा, लेकिन यह ठंड लंबे समय तक बरकरार रहनी चाहिए. सरसों की फसल भी ठंड में अच्छे से लहला रही हैं. आलू व टमाटर की फसल को पाला गिरने पर नुकसान झेलना पड़ सकता है.