चरखी दादरी: शराबियों के अड्डे में तब्दील हुए सुलभ शौचालय!

सुलभ शौचालयों में कहीं लटके हैं ताले, तो कहीं पड़ी हैं बोतलें
लोगों को सुलभ शौचालय (Sulabh Toilets) की बजाए खुले में शौच जाना पड़ रहा है, जबकि सरकार (Government) का दावा है कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच न जाए.
- News18 Haryana
- Last Updated: November 27, 2019, 5:07 PM IST
चरखी दादरी. सुलभ शौचालयों (Sulabh toilets) की देख-रेख के अभाव में बनी दुर्दशा सरकार (Government) और प्रशासन के दावों की पोल खोल रही है. स्थिति यहां तक पहुंच चुकी है कि व्यवस्था के अभाव में दादरी शहर (Dadri City) के सभी सुलभ शौचालय दम तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं. सरकार और जिला प्रशासन द्वारा नगर परिषद के सहयोग से जगह-जगह जो सुलभ शौचालय बनवाए गए हैं उनमें ना तो पानी की कहीं कोई सुविधा है और ना ही उनकी कभी सफाई की जाती. अधिकांश सुलभ शौचालय तो साफ-सफाई के अभाव में खंडहर बन चुके हैं.
लोगों को सुलभ शौचालय की बजाए खुले में शौच जाना पड़ रहा है, जबकि सरकार का दावा है कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच न जाए. शहर के मेन बाजारा, कोर्ट परिसर, वैश्य स्कूल, नगर परिषद, पार्क, अस्पताल व अन्य स्थानों पर बनाए गए सुलभ शौचालयों को बनाने के बाद कभी संभाला ही नहीं है. कुछ शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं तो कुछ की हालत ऐसी बनी है कि वहां ना तो सफाई और ना ही पानी.

इन शौचालयों में शराब की खाली बातलें जरूर मिल जाएंगी. शौचालयों की साफ-सफाई व रखरखाव पूरी तरह न के बराबर है. इससे आसपास के लोगों व दुकानदारों को शौचालय से आने वाली बदबू के चलते जीना दुर्भर हो गया है. वैश्य स्कूल के पास स्थित सुलभ शौचालय के पास डंपिंग पॉइंट बना रखा है जिसकी न तो शौचालय की साफ सफाई करते हैं सही तरीके से और ना ही वह कूड़े का उठान ढंग से होता है. हालात ऐसे हैं कि यहां से स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को मुंह से कपड़ा ढककर निकलना पड़ रहा है. हालांकि नागरिक समय-समय पर प्रशासन को शिकायत कर चुके हैं बावजूद इसके कोई समाधान नहीं होता.
क्या कहते हैं नागरिक
स्थानीय नागरिक स्नेहलता व मीना देवी ने बताया कि क्या करें, शौचालयों से बदबू आती है फिर भी बच्चों को स्कूल जाने के लिए यहां से निकलना पड़ रहा है. सरकार कहती है कि खुले में सोच ना जाएं पर जितने भी शौचालय महिलाओं के लिए बनाए गए हैं उन सभी के पर ताले लगे हुए हैं. इसके अलावा कुछ शौचालय तो दारू पीने के अड्डे बन चुके हैं. नगर पार्षद दिनेश जांगड़ा ने बताया कि शहर में जितने भी मोबाइल टॉयलेट हैं वह पिछले 6 महीने से खड़े हैं न तो उन में पानी की व्यवस्था है न उनमें टूटी है. सही तरीके से साफ सफाई नहीं होने के कारण खंडहर व जर्जर हो चुके हैं.करते हैं सफाई, नहीं होगी समस्या
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अभय सिंह यादव ने बताया कि शुलभ शौचालयों की साफ सफाई व रखरखाव के लिए कर्मचारियों की ड्यूटियां लगाई गई हैं. कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा शौचालयों को खराब किया गया है. इस बारे में शहर के शौचालयों का निरीक्षण करके सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी. अब उनके संज्ञान में पूरा मामला आया है तो कर्मचारियों की विशेष ड्यूटियां लगाकर साफ-सफाई करवाते हुए पानी की व्यवस्था करवा दी जाएगी.
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लोगों को सुलभ शौचालय की बजाए खुले में शौच जाना पड़ रहा है, जबकि सरकार का दावा है कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच न जाए. शहर के मेन बाजारा, कोर्ट परिसर, वैश्य स्कूल, नगर परिषद, पार्क, अस्पताल व अन्य स्थानों पर बनाए गए सुलभ शौचालयों को बनाने के बाद कभी संभाला ही नहीं है. कुछ शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं तो कुछ की हालत ऐसी बनी है कि वहां ना तो सफाई और ना ही पानी.

लोगों को नाक बंद कर निकलना पड़ता है
इन शौचालयों में शराब की खाली बातलें जरूर मिल जाएंगी. शौचालयों की साफ-सफाई व रखरखाव पूरी तरह न के बराबर है. इससे आसपास के लोगों व दुकानदारों को शौचालय से आने वाली बदबू के चलते जीना दुर्भर हो गया है. वैश्य स्कूल के पास स्थित सुलभ शौचालय के पास डंपिंग पॉइंट बना रखा है जिसकी न तो शौचालय की साफ सफाई करते हैं सही तरीके से और ना ही वह कूड़े का उठान ढंग से होता है. हालात ऐसे हैं कि यहां से स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को मुंह से कपड़ा ढककर निकलना पड़ रहा है. हालांकि नागरिक समय-समय पर प्रशासन को शिकायत कर चुके हैं बावजूद इसके कोई समाधान नहीं होता.

कई शौचालयों पर लटके हैं ताले
क्या कहते हैं नागरिक
स्थानीय नागरिक स्नेहलता व मीना देवी ने बताया कि क्या करें, शौचालयों से बदबू आती है फिर भी बच्चों को स्कूल जाने के लिए यहां से निकलना पड़ रहा है. सरकार कहती है कि खुले में सोच ना जाएं पर जितने भी शौचालय महिलाओं के लिए बनाए गए हैं उन सभी के पर ताले लगे हुए हैं. इसके अलावा कुछ शौचालय तो दारू पीने के अड्डे बन चुके हैं. नगर पार्षद दिनेश जांगड़ा ने बताया कि शहर में जितने भी मोबाइल टॉयलेट हैं वह पिछले 6 महीने से खड़े हैं न तो उन में पानी की व्यवस्था है न उनमें टूटी है. सही तरीके से साफ सफाई नहीं होने के कारण खंडहर व जर्जर हो चुके हैं.
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नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अभय सिंह यादव ने बताया कि शुलभ शौचालयों की साफ सफाई व रखरखाव के लिए कर्मचारियों की ड्यूटियां लगाई गई हैं. कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा शौचालयों को खराब किया गया है. इस बारे में शहर के शौचालयों का निरीक्षण करके सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी. अब उनके संज्ञान में पूरा मामला आया है तो कर्मचारियों की विशेष ड्यूटियां लगाकर साफ-सफाई करवाते हुए पानी की व्यवस्था करवा दी जाएगी.
यह भी पढ़ें- घर जा रहे शख्स को चाकू की नोक पर लूटा, अंगूठी, चेन व नकदी ले फरार हुए बदमाश
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First published: November 27, 2019, 4:41 PM IST
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