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एक अनूठी पहल: अखबार की रद्दी से गरीब बच्चों का भविष्य संवारेंगी सामाजिक संस्थाएं

सामाजिक संस्थाएं लोगों से अखबार की रद्दी दान में लेंगी और इससे मिले रुपयों से बच्चों के लिए पढ़ाई का सामान खरीदेंगी.

सामाजिक संस्थाएं लोगों से अखबार की रद्दी दान में लेंगी और इससे मिले रुपयों से बच्चों के लिए पढ़ाई का सामान खरीदेंगी.

For Better Education: करीब दर्जनभर सामाजिक संस्थाओं लोगों से अखबार की रद्दी दान में लेंगी और इससे मिले रुपयों से बच्चों ...अधिक पढ़ें

प्रदीप साहू

चरखी दादरी. शिक्षा (Education) ही एक ऐसी चीज है जिसके जरिए बड़े से बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं. बदलते दौर में हर गांव तक शिक्षा को पहुंचाना बेहद अहम हो गया है. नई तकनीक दौर में अब भी कुछ गांव ऐसे हैं जहां के बच्चों तक शिक्षा व्य​वस्थित रूप से नहीं पहुंच रही है या फिर उनके पास मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. ऐसे में कुछ सामाजिक संस्थाएं (social institutions) आगे आई हैं और इस दिशा में उन्होंने अनूठी पहल की है. करीब सामाजिक संस्थाएं लोगों से अखबार (Newspaper) की रद्दी दान में लेंगी और इससे मिले रुपयों से बच्चों के लिए पढ़ाई का सामान खरीदेंगी. शिक्षा संस्कारशाला में बच्चों को किताबें, पेन-पेंसिल, बोर्ड, पलंग, कपड़े इत्यादि दिए जाएंगे. इसके अलावा चलते फिरते वाहन के जरिए आधुनिक पाठशाला लगाकर भी बच्चों का भविष्य संवारा जाएगा.

ताकि सुधर जाए बच्चों का भविष्य
बता दें कि राजस्थान, हरियाणा सहित कई इलाकों में आज भी ऐसे बच्चे हैं, जो पढाई से वंचित हैं. सरकार या सरकार की योजनाएं उन तक पहुंच नहीं पा रही हैं. ऐसे में चरखी दादरी निवासी सेवानिवृत राजेंद्र यादव ने गरीब व असहाय बच्चों की पढ़ाई की बीड़ा उठाया और शिक्षा संस्कारशाला का गठन करते हुए बच्चों का भविष्य संवारने की पहल की है. इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने दर्जनभर सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर अखबार की रद्दी एकत्रित करके उससे अर्जित पैसों से बच्चों की पढ़ाई का सामान खरीदने का संकल्प लिया. सामाजिक संस्थाओं की हुई मीटिंग में निर्णय लिया कि आदिवासी बच्चों के लिए शिक्षा संस्कारशाला के अलावा चलते फिरते वाहन के जरिए आधुनिक पाठशाला लगाकर भी बच्चों का भविष्य संवारा जाएगा.

सेवानिवृत राजेंद्र यादव ने बताया कि आज भी केंद्र व प्रदेश की सरकारें आदिवासी इलाकों और बस्तियों में नहीं पहुंच पाई है. इस कारण बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं. यही कारण है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए कुछ करने का जज्बा लेकर पढ़ाने का संकल्प लिया है. इसी कड़ी में राजस्थान क्षेत्र में शिक्षा संस्कारशाला शुरू की है. उन्होंने बताया कि दर्जनभर सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से अब अखबार की रद्दी एकत्रित करके उससे अर्जित होने वाली राशि से बच्चों की शिक्षा के लिए कार्य किया जा रहा है.

Tags: Education, Hariyana

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