किसानों के आह्वान के बाद ही पुलिस ने यह फैसला लिया है.(फाइल फोटो)
चरखी दादरी. कृषि नीतियों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी रेल रोको आंदोलन के आव्हान पर सर्वखाप और सर्वजातीय पंचायत की अगुवाई में जिले के हर गांव के किसान, युवा, महिलाएं रेल रोकने पहुंचेंगे. दाणी फौगाट गांव में आयोजित पंचायत में आंदोलन में महिलाओं और युवाओं की विशेष भागीदारी सुनिश्चित की गई है. साथ ही सभी गांवों के सरपंचों को हर घर से कम से कम दो लोग रेल रोको आंदोलन में लाने की जिम्मेदारी दी गई है. पंचायत के मुताबिक आंदोलन शांति पूर्ण होगा, लेकिन अगर सरकार व प्रशासन (Government and Administration) ने रोकने का प्रयास किया तो पीछे नहीं हटेंगे.
जिले के गांव ढाणी फौगाट में आयोजित पंचायत में जिलेभर की खापों, सामाजिक व कर्मचारी संगठनों ने हिस्सा लिया. फौगाट खाप के प्रधान बलवंत फौगाट की अध्यक्षता में करीब तीन घंटे तक चली पंचायत में निर्णय लिया कि 18 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक गांव पातुवास महराणा में रेल रोकी जाएंगी. यहां पर हर गांवों से 10-10 युवाओं की जिम्मेदारी वालेंटियर के रूप में होगी. साथ ही महिलाएं भी अपनी अहम् भूमिका निभाएंगी.
कृषि कानूनों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई
पंचायत में सांगवान, फौगाट, हवेली, चिड़िया, सतगामा सहित कई सामाजिक संगठनों ने एकजुट होकर निर्णय लिया कि कृषि कानूनों के खिलाफ उनकी लड़ाई आर-पार की होगी. फौगाट खाप प्रधान बलवंत फौगाट व सांगवान खाप सचिव नरसिंह डीपी ने संयुक्त रूप से कहा कि रेल रोकने के लिए खापों व किसानों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों के सहयोग से शांतिपूर्ण रेल रोकने का कार्यक्रम बनाया गया है. युवाओं व महिलाओं की भी वालेंटियर के रूप में भागेदारी रहेगी. सभी गांवों के सरपंचों व नंबरदारों की प्रत्येक घर से दो-दो लोगों को लाने की जिम्मेदारियां लगाई हैं.
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