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Tokyo Olympic: विनेश फौगाट की हार पर बोले परिजन-ट्रेनिंग में रही खामियां, अब विदेशी कोचों पर नहीं करेंगे विश्वास

विनेश फौगाट को दूसरे मैच में हार का सामना करना पड़ा.

विनेश फौगाट को दूसरे मैच में हार का सामना करना पड़ा.

Wrestler Vinesh Phogat: टोक्यो ओलंपिक में रेसलर विनेश फौगाट का गोल्ड (Gold Medal ) जीतने का सपना अधूरा रह गया. विनेश की ...अधिक पढ़ें

चरखी दादरी. टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में पहला मैच जीतकर क्वार्टर फाइनल में पहुंची विनेश फौगाट (Vinesh Phogat) को दूसरे मैच में हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद विनेश का ओलंपिक में गोल्ड जीतने का सपना अधूरा रह गया. विनेश की हार पर परिजनों को खासा गम है. परिजनों ने कहा कि विनेश से गोल्ड की उम्मीद थी, अब अगर उनकी बेटी कांस्य जीतती है तो वह खास मायने नहीं रखेगा. देश के लिए गोल्ड जीतने के लिए अब विदेशी कोचों पर विश्वास नहीं रहेगा. ओलंपिक में गोल्ड जीतने के लिए ही अब विनेश की ट्रेनिंग करवाई जाएगी.

बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में 53 किलोभार वर्ग में चरखी दादरी के गांव बलाली निवासी विनेश फौगाट को इस बार गोल्ड का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. हालांकि रियो ओलंपिक में विनेश को चोट लगने के कारण मैडल जीतने से रह गई थी. इस बार देश को विनेश के गोल्ड जीतने की पूरी आस थी. रेसलिंग का पहला मैच शुरू होते ही दुनियाभर की नजर विनेश के प्रदर्शन पर लगी हुई थी.

पहले मैच से बनी आस दूसरे में टूटी
पहला मैच जीतते ही विनेश पर गोल्ड की आस हो गई. दूसरे मैच में बेलारूख की पहलवान से हार का सामना करना पड़ा. विनेश के गांव बलाली में विनेश के ताऊ द्रोणाचार्य अवार्डी महावीर पहलवान व परिजन लगातार मैच देखते रहे. जैसे ही विनेश अपने मैच में हार गई तो परिजनों को काफी दुख हुआ. विनेश की मां प्रेमलता की आंखों में आंसू आ गए. आंसू पोछते हुए बोली, बेटी से गलती हुई है. कांस्य पदक तो जीतेगी, लेकिन गोल्ड मैडल जीतती तो खुशी होती कि बेटी ने दूध की लाज रखी है.

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विनेश के भाई हरविंद्र ने कहा कि बहन का टारगेट केवल गोल्ड जीतने का था, लेकिन हार जाएगी, उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है. विनेश ने जिस तरह से मेहनत की थी, गोल्ड जीतने के पूरे चांस थे. अब अगर कांस्य पदक भी जीतती है तो कोई खास मायने नहीं है. गोल्ड जीतने के लिए चाहे कितने ही ओलंपिक खेलने पड़ें, खिलाएंगे.

खुद ट्रेनिंग देता तो बेटी गोल्ड जीतती
विनेश के ताऊ व द्रोणाचार्य अवार्डी महावीर पहलवान ने कहा कि विदेशी कोचों द्वारा ट्रेनिंग दी गई, उन पर खास विश्वास नहीं है. ट्रेनिंग में खामियां रहीं, इसलिए बेटी गोल्ड नहीं जीत पाई. अब मैं स्वयं ट्रेनिंग दूंगा और अगले ओलंपिक में बेटी देश के लिए गोल्ड लाएगी. महावीर ने कहा कि कांस्य पदक चाहे कितने ले आओ, कोई मायने नहीं है. अबकी बार बेटी गोल्ड नहीं ला पाई, गम जरूर है. इस हार की भरपाई वे बेटी को स्वयं ट्रेनिंग देकर अगले ओलंपिक में पूरी करवाएंगे.

Tags: Tokyo olympic, Vinesh phogat

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