के स्वदेश लौटने के दौरान सरकार या प्रशासन की ओर से कोई सम्मान नहीं मिलने की कसक उभरकर सामने आ गई. हालांकि गोल्डन गर्ल विनेश फौगाट ने कहा कि समाज ने जो सम्मान दिया है उससे वे बहुत खुश हैं. उन्होंने बताया कि पहले पिता की मौत फिर रियो ओलंपिक में चोट के बाद कड़ी मेहनत के बूते इस मुकाम पर पहुंची हूं.
गोल्ड विजेता विनेश फोगाट के सम्मान में दादरी के रोज गार्डन में फोगाट और सांगवान खाप द्वारा सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इस दौरान खापों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों ने विनेश को सम्मानित किया. खाप प्रतिनिधियों ने विनेश के इस मुकाम पर पहुंचकर दादरी व क्षेत्र का नाम रोशन करने पर बधाई दी.
साथ ही सरकार से भी आग्रह किया कि जिस तरह से इस क्षेत्र के खिलाड़ी विदेशों में अपनी धूम मचा रहे हैं, यहां सुविधाओं की कमियां खल रही हैं. वहीं बेटी की खुशी के दौरान परिजनों का दर्द भी सामने आया. चाचा सज्जन बलाली व सांगवान खाप सचिव नरसिंह सांगवान ने आरोप लगाया कि विनेश की उपलब्धि सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों को रास नहीं आ रही है.
उन्होंने कहा कि विनेश के स्वदेश लौटने के दौरान दिल्ली एयरपोर्ट पर सरकार की ओर से कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा. प्रशासन की ओर से भी किसी का नहीं पहुंचना सरकार की मानसिकता को दर्शाता है. ऐसे में उनके समाज द्वारा जो सम्मान मिला है वह एयरपोर्ट पर सरकार की ओर से किसी के नहीं पहुंचने की कसक को पूरा कर देता है.
विनेश फोगाट ने गोल्ड जीतने का श्रेय पूरे देशवासियों को दिया और कहा कि पिता की मौत के बाद वे छोटी थी, मां और परिजनों के हौंसले ने इस आज उन्हें इस मुकाम पर पहुंचाया है. चोटिल होने के बाद कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि आज एशियन में गोल्ड जीतकर अपनों के बीच पहुंची हूं. उसकी एशियन गेम्स में गोल्ड की कसक थी, जिसे गलतियां कम करते हुए पूरा कर दिया है. विनेश के अनुसार वे हरियाणा में ही नौकरी करना चाहती है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उसे अच्छे पद पर नौकरी देगी तो वह करेंगी.
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FIRST PUBLISHED : August 27, 2018, 07:58 IST