चीतों के भोजन के लिए हिरणों को पार्क में छोड़ने का विरोध
फतेहाबाद. कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीतों के भोजन के लिए हिरणों को पार्क में छोड़ने के विरोध में जिले के गांव काजलहेड़ी के रोहित ने आत्मदाह करने की धमकी दी है. सोमवार को रोहित ने फेसबुक पर वीडियो पोस्ट कर कहा कि वन्य जीवों की रक्षा हेतु वह अपना जीवन बलिदान करने जा रहा है. रोहित ने कहा कि मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं, लेकिन हिरणों का शिकार बिश्नोई धर्म की भावनाओं के विपरीत है.
मैकेनिकल में बीटेक रोहित काजलहेड़ी ने कहा कि वन्य जीव की रक्षा हेतु उसने 25 सितम्बर को हवन यज्ञ उपरांत पाहल ग्रहण करके आत्मदाह करने का निर्णय लिया है. उसने लिखा है कि मेरे एक बलिदान से यदि उन जीवों की रक्षा होती है कि मैं खुद को बड़ा भाग्यशाली मानूंगा. समाज के नाम संदेश में रोहित ने कहा कि आज प्रत्येक बिश्नोई ही नहीं बल्कि समस्त पर्यावरण प्रेमी और जीव प्रेमी का कर्तव्य बनता है कि वह इस मुहिम में आगे आए.
उसने कहा कि पर्यावरण बचेगा तो हमारी आने वाली पीढ़ियों का अस्तित्व बचेगा. उसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि उन मासूम हिरणों को वापस उसी जगह छोड़ा जाए. बातें करने और लिखने को बहुत है लेकिन मुख्य बात यही है कि मेरी मौत की जिम्मेवार सिर्फ भारत सरकार है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. बताया जा रहा है कि चीतों के भोजन के लिए 181 चीतल-हिरणों को भी कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया है. बिश्नोई समाज में कई जगह हिरण को पूजा जाता है और उनकी सुरक्षा करने की परंपरा है. हाल ही में भाजपा में शामिल हुए कुलदीप बिश्नोई ने भी ट्वीट करके इस निर्णय का विरोध कर चुके हैं.
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