हरियाणा सरकार ने हाल ही में चिराग योजना 2022 शुरू की है. (सांकेतिक तस्वीर)
चंडीगढ़. हरियाणा सरकार ने हाल ही में चिराग योजना 2022 (Chirag Yojana 2022) शुरू की है. आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों के लिए लागू की गई इस योजना को लेकर न केवल अभिभावक बल्कि शिक्षक भी विरोध जता रहे हैं. इसे लेकर हरियाणा विद्यालय संघ और हरियाणा अभिभावक एकता मंच की ओर से राज्य सरकार को पत्र लिखे जा रहे हैं. दोनों ही संगठनों का कहना है कि ऐसा करने से हरियाणा के सरकारी स्कूलों को भारी नुकसान होगा और प्राइवेट स्कूलों (Private Schools) को फायदा होगा.
हरियाणा अभिभावक एकता मंच की ओर से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से इस योजना को रद्द करने की मांग की है. 134 ए को खत्म कर शुरू की गई हरियाणा सरकार की चिराग योजना का विरोध करते हुए मंच का कहना है कि इससे सरकारी शिक्षा खत्म हो जाएगी और प्राइवेट स्कूलों को लाभ होगा. मंच का कहना है कि सरकार ने पहले से नियम बनाया है कि सभी बच्चों को आठवीं तक मुफ्त शिक्षा (Free Education) दी जाएगी लेकिन अब उसी का उल्लंघन हो रहा है.
वहीं हरियाणा विद्यालय संघ के शिक्षक इस योजना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. उनका कहना है कि इस योजना के चलते सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे. अगर सरकार इस योजना को वापस नहीं लेती है तो शिक्षक बड़ा आंदोलन करेंगे. वहीं मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा ने कहा है कि एक और सरकार सरकारी स्कूलों (Government Schools) में छात्रों की संख्या बढ़ाना चाहती है तो दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चों को सरकारी स्कूलों से निकालकर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने की चिराग योजना ला रही है. यह किसी भी तरह से सही नहीं है. प्राइवेट स्कूल संचालक पहले से ही शिक्षा का व्यवसायीकरण करके छात्र व अभिभावकों का आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं अब उन्हें सरकारी स्कूलों के छात्रों के अभिभावकों का शोषण करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है. मंच इस योजना का पुरजोर विरोध करता है. मंच का कहना है कि अगर सरकार ने इस योजना को रद्द नहीं किया तो इसके खिलाफ सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
ये है चिराग योजना
दरअसल नए शिक्षा सत्र में राज्य सरकार ने नियम-134ए को खत्म कर उसकी जगह पर चिराग योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत एक लाख 80 हजार रुपये से कम सालाना आय वाले परिवारों के जो बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं अगर वे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ना चाहते हैं तो उन्हें दूसरी से बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त दिलाई जाएगी. सरकार द्वारा ऐसे बच्चों की फीस निजी स्कूल संचालकों को दी जाएगी. सरकार की मंशा है कि कम आय वाले बच्चे भी निजी स्कूलों में मुफ्त में पढ़ाई कर सकें.
योजना के पहले चरण में कक्षा 2 से 12 वीं तक के करीब 25000 छात्रों को कवर किया जाएगा. इसका लाभ सिर्फ हरियाणा के छात्र और छात्राएं ही ले सकते हैं. सरकार ने निजी स्कूलों को इस योजना के तरह प्रवेश देने की अनुमति दे दी है. निदेशालय की ओर से इस योजना के ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन के लिए अंतिम तिथि 21 जुलाई तय की थी, हालांकि इसे आगे बढ़ा दिया गया है.
इसलिए हो रहा विरोध
हरियाणा अभिभावक एकता मंच का आरोप है कि सरकार सरकारी विद्यालयों की जगह निजी विद्यालयों को प्रोत्साहन देना चाहती है. इससे प्राइवेट शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा. इस योजना के चलते सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे. वहीं शिक्षक संघ का कहना है कि ऐसा करने से सरकारी स्कूलों को धक्का लगेगा. ज्यादातर लोग सरकारी स्कूलों को छोड़कर प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाएंगे. ऐसे में सरकारी स्कूलों पर ताला लटक जाएगा.
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Tags: CM Manohar Lal Khattar, Haryana Government, Haryana news, Schools
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