किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान, संत महात्मा जिस प्रकार से सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्याएं (Suicide) कर रहे हैं, उससे सरकार को शर्म आनी चाहिए. न जाने किसान शहादत दे चुके हैं, लेकिन किसानों को ऐसे आत्मघाती कदम उठाने से बचना चाहिए. श्री टिकैत टिकरी बॉर्डर पर फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) करने वाले सिसाय के किसान राजबीर के घर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) शोक व्यक्त करने पहुंचे थे. टिकैत ने राजबीर के परिवार को सांत्वना दी और हर संभव सहयोग का वादा किया. इसके बाद किसान नेता हांसी पहुंचे और वहां पत्रकारों से चर्चा की.
टिकैत ने कहा कि भाजपा सरकार व्यापारियों की सरकार बन चुकी है. वह किसान से ज्यादा व्यापारी को अहमियत दे रही है. इस दौरान उन्होंने हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यत चौटाला पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला मजबूरी में बोल रहे हैं. क्योंकि हर किसी की फाइल सरकार ने दबाने के लिए बना कर रखी हुई है. जो भी किसानों के पक्ष में बोलता है उस पर बलराज कुंडू की तरह कार्रवाई की जाती है. उसी डर से दुष्यंत भी इनकी भाषा बोल रहे हैं. इनकी अपनी मजबूरी है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा किसानों की कुर्बानियां बेकार नहीं जाएगी. सरकार की बयानबाजी से किसान विचलित न हो और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन जारी रखें. किसान को यह आंदोलन जीतना होगा क्योंकि यह उनकी रोजी-रोटी व जमीन छीनने का सवाल है. देश का किसान व जवान इस आंदोलन से जुड़ा हुआ है. जिस प्रकार से किसान व संत महात्मा सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर रहे हैं, सरकार को शर्म आनी चाहिए.
टिकैत ने कहा कि हम किसानों से अपील करते हैं ऐसे कदम न उठाएं. यह लड़ाई बहुत लंबी लड़नी पड़ेगी. देश को आजादी के लिए 90 साल तक लड़ाई लड़नी पड़ी थी. आंदोलन को लड़ने के लिए त्याग करना पड़ता है जो एक राजनीतिक लोगों में नहीं होता. देश की आजादी की लड़ाई की तरह यह आंदोलन भी देश की आम जनता को लड़ना है. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा जिन राज्यों में चुनाव है, वहां पर किसान जाएंगे और भाजपा के विरुद्ध वोट डलवाने का काम करेंगे.
टिकैत ने कहा कि ये आंदोलन अगली सर्दी या फिर 2024 तक भी चल सकता है. हम किसी भी हाल में कानून रद्द होने तक घर वापसी नहीं करेंगे. सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए कि लोग अपना बलिदान दे रहे हैं. वह पीछे नहीं हटेंगे. जो लोग आज दिल्ली के चारों तरफ बॉर्डर पर बैठे हुए हैं वह आने वाले समय में इन नेताओं से जवाब लेंगे.
फसल जोतने के सवाल पर कहा कि सरकार कह रही थी कि किसान आंदोलन छोड़कर खेत में चला जाएगा. हमने यह कहा था कि हम एक फसल की कुर्बानी दे देंगे. इसका मतलब यह नहीं था कि हम अपनी फसल को उजाड़ दें.
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FIRST PUBLISHED : March 10, 2021, 09:38 IST