Kisan Andolan: टिकरी बॉर्डर पर एक और किसान की मौत, अब तक 15 की जा चुकी जान

हार्ट अटैक आने से किसान की मौत
Kisan Aandolan: मृतक किसान पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब के लुडेवाला गांव का रहने वाला था. कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 45 दिन से ज्यादा से आंदोलन कर रहे हैं किसान. मृत किसानों के परिजनों ने मुआवजा और नौकरी देने की रखी है मांग.
- News18Hindi
- Last Updated: January 11, 2021, 1:47 PM IST
झज्जर. बहादुरगढ़ के टिकरी बॉर्डर (Tikri Border) पर आंदोलन में शामिल एक और किसान की मौत हो गई. 60 वर्षीय किसान जगदीश की हार्ट अटैक (Heart Attack) से मौत हो गई है. मृतक किसान बहादुरगढ़ बाईपास पर गांव वालों के साथ ट्रॉली में रह रहा था. मृतक किसान पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब के लुडेवाला गांव का रहने वाला था. पुलिस ने मृतक किसान के शव को कब्जे में लेकर नागरिक अस्पताल भिजवा दिया है. टिकरी बॉर्डर पर अब तक 15 किसानों की मौत हो चुकी है.
बता दें कि बीते 3 जनवरी को यहां पर एक ही दिन के अंदर दो किसानों की मौत हो गई थी. किसान आंदोलन (Kisan Andolan) का आज 47वां दिन है. इस बीच अब तक हुई मौत के सभी मामलों में स्वजनों द्वारा सरकार से मुआवजा व नौकरी की मांग उठाई गई है.
सुप्रीम कोर्ट पर टिकी नजर
सरकार और किसानों के बीच वार्ता लगातार विफल हो रही है. दोनों पक्षो के बीच अगली बातचीत के लिए 15 जनवरी की तारीख तय है. ऐसे में इस आंदोलन से प्रभावित लोगों को अब सुप्रीम कोर्ट से ही उम्मीद है. किसान आंदोलन के मसले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर भी नजर टिकी हुई है. वहीं बहादुरगढ़ में टीकरी बॉर्डर बंद होने और 15 किलोमीटर तक आंदोलन फैलने के कारण कई हजार उद्योग प्रभावित हैं. आम आदमी को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.सरकार के खिलाफ बढ़ रही नाराजगी
किसान नेताओं का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को नहीं मान रही है, दिन प्रतिदिन किसान ठंड में दम तोड़ रहे हैं. अभी तक करीब 50 किसान इस आंदोलन में शहीद हो गए हैं, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. किसानों की लगातार हो रही मौत के बाद किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है.
बता दें कि बीते 3 जनवरी को यहां पर एक ही दिन के अंदर दो किसानों की मौत हो गई थी. किसान आंदोलन (Kisan Andolan) का आज 47वां दिन है. इस बीच अब तक हुई मौत के सभी मामलों में स्वजनों द्वारा सरकार से मुआवजा व नौकरी की मांग उठाई गई है.
सुप्रीम कोर्ट पर टिकी नजर
सरकार और किसानों के बीच वार्ता लगातार विफल हो रही है. दोनों पक्षो के बीच अगली बातचीत के लिए 15 जनवरी की तारीख तय है. ऐसे में इस आंदोलन से प्रभावित लोगों को अब सुप्रीम कोर्ट से ही उम्मीद है. किसान आंदोलन के मसले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर भी नजर टिकी हुई है. वहीं बहादुरगढ़ में टीकरी बॉर्डर बंद होने और 15 किलोमीटर तक आंदोलन फैलने के कारण कई हजार उद्योग प्रभावित हैं. आम आदमी को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.सरकार के खिलाफ बढ़ रही नाराजगी
किसान नेताओं का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को नहीं मान रही है, दिन प्रतिदिन किसान ठंड में दम तोड़ रहे हैं. अभी तक करीब 50 किसान इस आंदोलन में शहीद हो गए हैं, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. किसानों की लगातार हो रही मौत के बाद किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है.