नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर किसान बीते 91 दिन से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं (फाइल फोटो)
झज्जर. कृषि कानूनों को विरोध में किसानों को आंदोलन लगातार जारी है. इसी बीच टिकरी बॉर्डर (Tikri Border) पर धरने पर बैठे किसानों ने गांव बसा लिया है. गांव की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे (CCTV Camera) लगाए गए हैं. ये कैमरे आसामाजिक तत्वों पर निगरानी के लिए लगवाए गए हैं. वहीं, लंगर स्थल के साथ ही एक सुंदर पार्क भी बनाया गया है. पार्क में बेंच और चारपाई पर किसान आपसी चर्चा करते हैं.
किसानों ने अपनी ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर Wi-Fi कनेक्शन लगवा रखे हैं, जिससे अब इंटरनेट बन्द होने की स्थिति पर भी किसानों को सूचनाएं भेजने में परेशानी नहीं आएगी. प्रधानमंत्री के भाषण के बाद भी किसानों का कहना है कि कृषि कानून रदद् करवा कर ही वो अपने घर जाएंगे.
किसानों का कहना है कि कृषि कानून धीरे-धीरे न केवल मंडियां खत्म कर देंगे, बल्कि एमएसपी भी ख़त्म कर देंगे. किसानों ने कहा कि वो अपना घर बार छोड़कर आएं हैं. खेती और जमीन बचाने आये हैं. मोगा जिले के माणुकी गिल गांव के लोगों ने ये अनूठी व्यवस्था की है.
राकेश टिकैत ने भरी हुंकार
बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह कानून किसानों की जमीन छीनने का कानून है. कानून वापसी तक आंदोलन जारी रहेगा. आंदोलन को कमजोर करने के लिए सरकार नौजवानों को फंसाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन लंबा चलने वाला है, किसानों को अपना मनोबल कमजोर नहीं करना है. यह आंदोलन किसी एक संगठन का नहीं, सभी संगठन पहले भी साथ थे और अब भी साथ है. हम सरकार से बातचीत के लिए अभी भी तैयार हैं.
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