टिकरी बॉर्डर पर किसान ने देशवासियों के नाम पत्र लिख खाया जहर, देर रात हुई मौत

टिकरी बॉर्डर पर एक और किसान ने की आत्महत्या
Kisan Andolan: कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे आंदोलन में शामिल किसान (Farmer) ने जहर खाने से पहले देशवासियों के नाम एक पत्र लिखा. किसान ने पत्र में लिखा कि न किसान मान रहे ना सरकार.
- News18Hindi
- Last Updated: January 21, 2021, 12:58 AM IST
झज्जर. टिकरी बॉर्डर (Tikri Border) पर मंगलवार दिन को एक किसान ने जहर लिया, उनको गंभीर हालात में दिल्ली के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन रात ढाई बजे के करीब उनकी मौत (Death) हो गई. किसान ने जहर निगलने के बाद ही खुद ही धरनास्थल पर मौजूद बाकी लोगों को जानकारी दी थी. किसानों की मांग पूरी न होने से जयभगवान नाराज थे. वे पिछले कई दिनों से किसान आंदोलन में सेवा कर रहे थे
किसान जयभगवान की उम्र 42 साल थी. जहर खाने से पहले उन्होंने देशवासियों के नाम एक पत्र लिखा. पत्र में लिखा कि न किसान मान रहे ना सरकार. उसने सरकार को कृषि कानूनों के समाधान का भी रास्ता लिखा. उसने लिखा कि हर राज्य से दो-दो किसान नेता बुलाओ, अगर अधिकतर विरोध करें तो सरकार कानूनों को रद्द करें.
किसानों नेताओं को भी सुझाव देते हुए किसान ने लिखा कि अगर कृषि कानून के पक्ष में ज्यादा लोग हो तो आंदोलन को खत्म कर दें. किसान ने अंत में लिखा कि मेरे भारत की पहचान, मजबूत जवान, मेहनती किसान, ईमानदार इंसान. मृतक किसान पाकस्मा गांव का रहने वाला था.
पिछले हफ्ते भी किसान ने की थी आत्महत्या
बता दें कि पिछले हफ्ते भी टिकरी बॉर्डर पर एक किसान ने आत्महत्या की थी. किसान की पहचान नसीब सिंह के रूप में हुई थी जो पंजाब के फिरोजपुर के रहने वाले थे. इससे पहले सोमवार को एक किसान ने जहरीला पदार्थ निगल लिया था जिनकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
सरकार के रवैये से नाराज हैं किसान
बता दें कि लगभग दो महीने से जारी आंदोलन में अब तक कई किसान अपनी जान दे चुके हैं. किसान सरकार के रवैये से नाराज हैं. जहां एक ओर किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं वहीं सरकार इसे कृषि क्षेत्र में बड़ा सुधार बता रही है.
किसान जयभगवान की उम्र 42 साल थी. जहर खाने से पहले उन्होंने देशवासियों के नाम एक पत्र लिखा. पत्र में लिखा कि न किसान मान रहे ना सरकार. उसने सरकार को कृषि कानूनों के समाधान का भी रास्ता लिखा. उसने लिखा कि हर राज्य से दो-दो किसान नेता बुलाओ, अगर अधिकतर विरोध करें तो सरकार कानूनों को रद्द करें.
किसानों नेताओं को भी सुझाव देते हुए किसान ने लिखा कि अगर कृषि कानून के पक्ष में ज्यादा लोग हो तो आंदोलन को खत्म कर दें. किसान ने अंत में लिखा कि मेरे भारत की पहचान, मजबूत जवान, मेहनती किसान, ईमानदार इंसान. मृतक किसान पाकस्मा गांव का रहने वाला था.
पिछले हफ्ते भी किसान ने की थी आत्महत्या
बता दें कि पिछले हफ्ते भी टिकरी बॉर्डर पर एक किसान ने आत्महत्या की थी. किसान की पहचान नसीब सिंह के रूप में हुई थी जो पंजाब के फिरोजपुर के रहने वाले थे. इससे पहले सोमवार को एक किसान ने जहरीला पदार्थ निगल लिया था जिनकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
सरकार के रवैये से नाराज हैं किसान
बता दें कि लगभग दो महीने से जारी आंदोलन में अब तक कई किसान अपनी जान दे चुके हैं. किसान सरकार के रवैये से नाराज हैं. जहां एक ओर किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं वहीं सरकार इसे कृषि क्षेत्र में बड़ा सुधार बता रही है.