हरियाणा में जाट समेत पांच जातियों को आरक्षण दिए जाने के लिए कराए गए सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण पर उठ रहे सवाल के बीच पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपना पक्ष रखा है.
हरियाणा में जाट समेत पांच जातियों को आरक्षण दिए जाने के लिए कराए गए सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण पर उठ रहे सवाल के बीच पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपना पक्ष रखा है.
हुड्डा ने कोर्ट की ओर से किसी भी नोटिस के मिलने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें तो मीडिया की ओर से इस बारे में जानकारी मिली है. वहीं सर्वे के प्रोजेक्ट डायरेक्टर खजान सिंह सांगवान ने कहा है कि सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण नियमों के हिसाब से हुआ था.
हरियाणा में जाट समेत पांच जातियों को आरक्षण दिए जाने के लिए कराए गए सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण को कोर्ट में चुनौती दी गई है. भिवानी के चरखी दादरी के वेदप्रकाश ने इस सर्वे को फर्जी बताते हुए रोहतक कोर्ट में याचिका दायर की थी.
इस याचिका में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन केसी गुप्ता को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों में महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक के पूर्व वीसी आरपी हुड्डा और सर्वे के प्रोजेक्ट निदेशक खजान सिंह भी शामिल हैं.
रोहतक कोर्ट में सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन केसी गुप्ता और सर्वे के प्रोजेक्ट निदेशक खजान सिंह ने जवाब दाखिल कर दिया, जबकि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व वीसी आरपी हुड्डा ने जवाब दाखिल नहीं किया. अब इस मामले की अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होगी.
सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर आज पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी सवाल किया गया. दरअसल हुड्डा मंगलवार को रोहतक में ही थे और पत्रकारों से रूबरू थे. इस दौरान उनसे जब सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण में कथित फर्जीवाड़े का जिक्र किया गया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है और न ही उन्हें कोर्ट की ओर से कोई नोटिस मिला है.
वहीं पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आवास पर ही मौजूद सर्वे के प्रोजेक्ट डायरेक्टर खजान सिंह सांगवान ने सर्वेक्षण में किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े से साफतौर पर इनकार किया. उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग के नियमों के हिसाब से ही सर्वेक्षण कराया गया था. साथ ही कहा कि ये सर्वेक्षण पूरी तरह से आंकड़ों पर आधारित था. फर्जी बिल से भी उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि बिल का बाकायदा ऑडिट हुआ है. सांगवान ने कहा कि नोटिस का जवाब दे दिया गया है.
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