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Karnal News: करनाल में हुई सरपंचों की मीटिंग, चंडीगढ़ में नहीं अब जंतर-मंतर पर होगा हल्ला-बोल

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हरियाणा के करनाल में रविवार को सरपंचों की मीटिंग हुई. इसमें सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर समैण भी शामिल हुए.मीटिंग के दौरान 3 अप्रैल को जंतर-मंतर पर होने वाले प्रदर्शन में सरपंचों को बढ़चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया गया.उनका कहना है कि जब तक सरकार हमारे अधिकार वापस नहीं करती ग्राम पंचायतों का आंदोलन जारी रहेगा.

हरियाणा के करनाल में रविवार को सरपंचों की मीटिंग हुई. इसमें सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर समैण भी शामिल हुए.मी ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट : पूनम मेहता

करनाल. हरियाणा के करनाल में रविवार को सरपंचों की मीटिंग हुई. इसमें सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर समैण भी शामिल हुए.मीटिंग के दौरान 3 अप्रैल को जंतर-मंतर पर होने वाले प्रदर्शन में सरपंचों को बढ़चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया गया. रणबीर समैण ने कहा सत्ताधारी दल के किसी भी नेता को गांव में नही प्रवेश करने दिया जाएगा.

ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंच एक बार फिर से 3 अप्रैल को दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में जुटे हुए हैं, इसको लेकर आज करनाल के नेवल में करनाल के सरपंचों की बैठक लेने प्रदेश अध्यक्ष पहुंचे , बैठक के बाद सरपंचों ने साफ कर दिया जब तक सरकार ई-टेंडरिंग प्रणाली तो वापिस नहीं लेती तब तक उनका आंदोलन इसी तरह से जारी रहेगा, साथ ही बैठक में मंच के माध्यम से कहा गया अगर सरकार ई-टेंडरिंग प्रणाली को वापस नहीं लेती तो इसका खामियाजा सरकार को 2024 में भुगतना पड़ेगा.

खाप पंचायतों से लगाई मदद की गुहार
समैण ने कहा कि हरियाणा की खाप पंचायतों की भी मदद लेंगे. असल में सरकार ने पंचायत के कामकाज में पहले 2 लाख से ज्यादा काम को ई-टेंडरिंग से कर दिया है.  इसके विरोध में सरपंचों ने पूरे राज्य में प्रदर्शन किया. उन पर चंडीगढ़ में लाठीचार्ज भी हुआ। इसके बाद सरकार ने यह लिमिट 5 लाख कर दी, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस फैसले से भी सरपंच सहमत नहीं हैं.

राजनीतिक लिहाज से अहम फैसला
सरपंचों का 3 अप्रैल का जंतर मंतर पर प्रदर्शन का फैसला राजनीतिक लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि अगले साल 2024 में हरियाणा में विधानसभा चुनाव और उससे पहले लोकसभा चुनाव होने है.  सरपंचों ने एलान किया है कि BJP-JJP गठबंधन सरकार के किसी भी मंत्री, नेता को वह गांवों में कदम नहीं रखने देंगे, यदि वह जबरन घुसने का प्रयास करते हैं तो होने वाले विरोध के लिए वह स्वयं ही जिम्मेदार होंगे.

लड़ाई की बदली रणनीति
ई-टेंडरिंग को सरकार के द्वारा भ्रष्टाचार से जोड़ने के बाद सरपंचों ने अपनी रणनीति बदल दी है. अब सरपंच अपनी दो मुख्य मांगों पर फोकस कर रहे हैं. एक तो पंचायत एक्ट को लागू करें और दूसरा राइट टू रिकॉल को निरस्त किया जाए. हरियाणा के सरपंच एसोसिएशन के प्रधान रणबीर समैण का कहना है कि जब तक सरकार हमारे अधिकार वापस नहीं करती ग्राम पंचायतों का आंदोलन जारी रहेगा.

Tags: Haryana news, Karnal news

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