हरियाणा के रोहतक में 36 से ज्यादा पूर्व विधायक गुरुवार को रोहतक में एकजुट हुए और पूर्व विधायक संघ हरियाणा का गठन किया. इस संगठन की अगुवाई बहादुरगढ़ के पूर्व विधायक नफे सिंह राठी को सौंपी गई है.
हरियाणा के रोहतक में 36 से ज्यादा पूर्व विधायक गुरुवार को रोहतक में एकजुट हुए और पूर्व विधायक संघ हरियाणा का गठन किया. इस संगठन की अगुवाई बहादुरगढ़ के पूर्व विधायक नफे सिंह राठी को सौंपी गई है.
रोहतक में हुई इस बैठक में भाजपा, इनेलो और कांग्रेस समेत निर्दलीय पूर्व विधायक शामिल हुए. इस संगठन से जुड़े पूर्व विधायक अपने अनुभवों के आधार पर हरियाणा सरकार को सुझाव देंगे.
पूर्व विधायक संघ की अगली बैठक 21 नवंबर को रोहतक में ही होगी. खास बात यह है कि गुरुवार को संपन्न हुई बैठक में भाजपा के भी तीन पूर्व विधायकों ने शिरकत की.
हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में गुरुवार को रोहतक की धरती से नया अध्याय लिखा गया. राजस्थान की तर्ज पर पहली बार पूर्व विधायक संघ हरियाणा का गठन किया गया.
इस संगठन के गठन के लिए बहादुरगढ़ के पूर्व विधायक नफे सिंह राठी ने पहल की. राठी की पहल पर शुरुआत में कुछ पूर्व विधायकों से चर्चा की गई, फिर बाकी पूर्व विधायकों को एकजुट होने के लिए रोहतक बुलाया गया.
इसके बाद राठी समेत 38 पूर्व विधायक अपनी बात रखने के लिए रोहतक के तिलयार पर्यटन केंद्र पहुंचे. इनमें सभी पार्टियों के और निर्दलीय विधायक शामिल थे. यहां पर यह बात गौर करने लायक है कि नफे सिंह राठी, ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इनेलो से बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं.
गत विधानसभा चुनाव में वे भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन भाजपा की टिकट न मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था.
रोहतक पहुंचे पूर्व विधायकों ने बैठक के दौरान अपनी बात रखी और उन्हें क्या समस्या आ रही है, इस पर चर्चा की। बैठक में सर्वसम्मति से नफे सिंह राठी को अध्यक्ष की कमान सौंपी गई। बाकी कार्यकारिणी और अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 21 नवंबर को दोबारा से रोहतक में ही बैठक बुलाई है।
दरअसल, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बुधवार को जींद में धरने और प्रधानमंत्री की पांच नवंबर की रैली की वजह से कई पूर्व विधायक बैठक में नहीं पहुंच पाए.
इस बैठक में मौजूदा सत्ताधारी दल भाजपा के भी तीन पूर्व विधायक कैलाश चंद्र शर्मा, शशिपाल मेहता व डा. कमला वर्मा ने भी शिरकत की.पूर्व विधायकों की इस बैठक से मीडिया को दूर ही रखा गया.
मीडिया को बैठक के अंदर की कवरेज करने की इजाजत नहीं थी. बैठक खत्म होने के बाद ही पूर्व विधायक नफे सिंह राठी ने पत्रकारों से चर्चा की. उन्होंने इस बात से साफ तौर पर इंकार किया कि इस बैठक का कोई राजनीतिक एजेंडा था.
उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि इस बैठक में राजनीति पर चर्चा भी नहीं की गई. राठी ने कहा कि सभी पूर्व विधायक अपने अनुभवों को हरियाणा सरकार से सांझा करेंगे. इसके अलावा अपनी समस्याओं के समाधान की दिशा में काम करेंगे.
इस बैठक में नारनौल के पूर्व विधायक कैलाश चंद शर्मा व मूलाराम, चरखी दादरी के पूर्व विधायक गणपत राय व धर्मपाल सांगवान, राजौंद के पूर्व विधायक रामकुमार, बाढ़ड़ा के पूर्व विधायक रणबीर सिंह मंदोला व रघुबीर सिंह छिल्लर, नूंह के पूर्व विधायक हसन मोहम्मद, साल्हावास के पूर्व विधायक जिले सिंह व धर्मबीर यादव, पानीपत ग्रामीण के पूर्व विधायक बिजेंद्र सिंह कादियान.
बेरी के पूर्व विधायक ओमप्रकाश बेरी, पलवल के पूर्व विधायक सुभाष कत्याल, पटौदी के पूर्व विधायक रामबीर सिंह, बावल के पूर्व विधायक जसवंत सिंह व एमएल बावल, पानीपत के पूर्व विधायक सतबीर सिंह कादियान, टोहाना के पूर्व विधायक निशान सिंह शामिल थे.
वहीं, हिसार के पूर्व विधायक पूर्ण सिंह डाबड़ा और हरि सिंह सैनी, लोहारू के पूर्व विधायक सोमबीर सिंह व धर्मपाल, करनाल के पूर्व विधायक शशिपाल मेहता, जगाधरी के पूर्व विधायक डा. बृज मोहन गुप्ता, झज्जर के पूर्व विधायक दरियाव सिंह व कांता देवी, असंध की पूर्व विधायक राजरानी पूनम, पूंडरी के पूर्व विधायक सुलतान सिंह जडोला.
भिवानी के पूर्व विधायक वासुदेव शर्मा व शिवशंकर भारद्वाज व यमुनानगर के पूर्व विधायक डा. कमला वर्मा ने बैठक में शामिल होकर अपने विचार रखे.
इसके अलावा पूर्व विधायक छतर सिंह चौहान, सूबे सिंह पूनिया, भागीराम, एमएल रंगा, शशिपाल मेहता, जगदीश यादव ने भी बैठक में शिरकत की.
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