भाई को बंधक बना लिया तथा उससे डॉलर छीन लिए. आरोपियों ने उसके भाई की उससे वीडियो काल व ओडियो काल से बात करवाई,
कैथल. युवा वर्ग में विदेश जाने का क्रेज है, जिस कारण कई बार वह फर्जी एजेंटों के सम्पर्क में आकर अपने आप को मुसीबत में डाल लेते हैं. ऐसे ही एक मामले में कनाडा भेजने के नाम पर युवक को बंधक बनाने के मामले में सीआईए-1 पुलिस द्वारा 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया और बंधक बनाए गए युवक को सकुशल मुक्त कराया. प्रेस वार्ता में खुलासा करते हुए कैथल के पुलिस अधीक्षक मकसूद अहमद ने बताया कि बाकल गांव के रहने वाले अमृत पाल की शिकायत अनुसार, उसका भाई विक्रम कनाडा जाना चाहता था. उसके ही गांव के अवतार सिंह के बातचीत के माध्यम से देवेंद्र निवासी रुद्रपुर व गुरुदेव सिंह निवासी रिठौडा यूपी उसके भाई को 28 अक्तूबर को कनाडा के लिए ले गए, लेकिन वो पहले उसके भाई को कलकत्ता ले गए। वहां पर उन्होंने उसके भाई को बंधक बना लिया तथा उससे डॉलर छीन लिए.
आरोपियों ने उसके भाई की उससे वीडियो काल व ओडियो काल से बात करवाई, जिनमे वह डरा सहमा लग रहा था आरोपियों द्वारा उसके भाई से मारपीट करके उससे 13 लाख रुपये की और डिमांड की, जिस बारे थाना पूंडरी में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, तथा मामले की जांच सीआईए-1 पुलिस को सौंपी गई.
पुलिस ने जांच के दौरान एक आरोपी रीठौडा कलां जिला मेरठ यूपी निवासी गुरदेव उर्फ देव को गिरफ्तार करके न्यायालय से 10 दिन पुलिस रिमांड हासिल किया गया था, जो आरोपी गुरदेव उपरोक्त से पूछताछ में पता चला कि कोई देसाई नाम का व्यक्ति इस गैंग को चला रहा है, जो अपने आप को कलकत्ता का बताता है. जो पुलिस द्वारा तकनीकी पहलुओं पर काम करने के बाद पता चला कि वह मुम्बई में रह कर अपना गैंग चला रहा है.
पुलिस द्वारा अपहरण किए गए विक्रम की जान की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए देसाई नाम के व्यक्ति को पैसे देने की योजना बनाई गई. जो योजना अनुसार देसाई के बताए गए ठिकाने अनुसार दिल्ली में 10 लाख रुपए की डिलीवरी हवाला के माध्यम से करवाई गई. 10 लाख रुपए प्राप्त होने के बाद भी देसाई द्वारा किडनैप विक्रम को छोडने से मना कर दिया तथा और पैसे की मांग की गई. फिर पुलिस द्वारा अगला प्लान तैयार करके यह पता किया गया कि मुंबई में आगे पैसे कौन लेने आता है.
एक योजना के अनुसार, उनकी मांग पर 2 लाख रुपए और दिल्ली से दोबारा हवाला की मार्फत भेजे गए. एसपी ने बताया कि फिर मुम्बई के जेवली बाजार में दो लाख रुपए लेने आए तीन लडकों को 2 लाख रुपए सहित काबू किया गया, जिनकी पहचान मुंबई निवासी शशांक, मोईन कुरेशी व समीर काजी के रूप में हुई।. फिर पुलिस द्वारा प्लानिंग तहत तयशुदा स्थान पर काबू किए उक्त लडकों से पैसे लेने आए दो व्यक्तियों को पुलिस पार्टी द्वारा काबू कर लिया गया, जिनकी पहचान अब्दुल करीम रहमान कुरैशी पुत्र तथा अखलेश कुमार पुत्र सूरजपाल सिंह के रूप में हुई.
एसपी ने बताया कि जांच दौरान पाया गया कि अब्दुल करीम रहमान ही देसाई है, जो अपना काल्पनिक नाम देसाई रख कर पैसे की डिमांड कर रहा था. अब्दुल करीम रहमान उर्फ देसाई से पूछताछ पर पता चला कि इन्होंने विक्रम को किडनैप करके अपने कलकता के ठिकाने पर रखा हुआ है. और किडनैप किए गए लडके की जान की सुरक्षा को देखते हुए अब्दुल करीम रहमान उर्फ देसाई का इनकी गैंग के कलकता के सदस्यों को फोन करवाया गया और कहा गया कि पूरी पेमेंट आ चुकी है तथा विक्रम को छोड दो.य एसपी ने बताया कि मुम्बई से विक्रम की टिकट करवाई गई तथा अब्दुल करीम रहमान उर्फ देसाई के इशारे पर गैंग के सदस्यों ने विक्रम को कलकता एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए बैठा दिया. सीआईए-1 पुलिस द्वारा दिल्ली एयरपोर्ट से पिडित विक्रम को रिसीव कर लिया.
पूछताछ उपरांत पांचों आरोपी शशांक, मोईन कुरैशी, समीर काजी, अब्दुल करीम रहमान तथा अखलेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया. सभी आरोपी मंगलवार को न्यायालय में पेश किए जाएंगे, जिनसे सीआईए-1 पुलिस द्वारा पुछताछ की जा रही है.
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