पहलू खान मॉब लिंचिंग: ‘घर-जमीन सब बिक जाए लेकिन न्याय लेकर रहेंगे’

पहलू खान मॉब लिंचिंग मामला: पीड़ित परिवार ने कहा- घर- जमीन सब बिक जाए लेकिन न्याय लेकर रहेंगे
पहलू खान के परिवार ने कहा कि अब उन्हें भरोसा ही नहीं बल्कि पूरा यकीन है कि गहलोत सरकार की दखल के बाद पुलिस की जांच सही दिशा में जाएगी और दोषियों को सजा जरूर मिलेगी.
- News18 Haryana
- Last Updated: August 17, 2019, 7:50 AM IST
वर्ष 2017 में बहरोड़ अलवर में हुए पहलू मॉब लिंचिंग मामले (Mob Lynching Case) में अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) ने जैसे ही केस की दोबारा जांच कराने की बात कही तो पहलू खान के परिवार (Pehlu Khan Family) को उम्मीद की किरण नजर दिखाई देने लगी. परिवार के मुताबिक चुनाव के दौरान 'अब होगा न्याय का नारा' और मुलाकात के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें इंसाफ (Justice) का जो भरोसा दिलाया था, उस पर कहीं ना कहीं गहलोत सरकार खरी उतरती दिख रही है. पीड़ित परिवार ने कहा कि उन्हें भरोसा ही नहीं बल्कि पूरा यकीन है कि गहलोत सरकार की दखल के बाद पुलिस की जांच सही दिशा में जाएगी और दोषियों को सजा मिलेगी.
परिवार को राजस्थान सरकार से न्याय की उम्मीद
घटना के चश्मदीद और पहलू खान के बड़े बेटे इरशाद ने गहलोत सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जब वो, अब होगा न्याय का नारा सुनते और देखते थे तो लगता था कि अब उन्हें न्याय मिल जाएगा, लेकिन अलवर कोर्ट ने जो फैसला सुनाया उससे परिवार हिल गया. इरशाद ने कहा कि भले ही राजस्थान सरकार मामले की दोबारा से जांच करा रही हो, बावजूद इसके उनका परिवार अपने वकीलों से कानूनी राय लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा जरूर खटखटाएगा.
परिवार की हालत बद से बदतर हुईपहलू खान की पत्नी बोली कि अगले दो-तीन दिन में या कभी भी उनका परिवार वकीलों से राय लेकर राजस्थान हाईकोर्ट जा सकता है. उन्होंने कहा कि पहलू परिवार का मुखिया था और उनके जाने के बाद घर के हालात बद से बदतर हो गए. उनके पास कोर्ट में केस लड़ने तक के लिए पैसों का अभाव आड़े आ रहा है. इरशाद और आरिफ को तो तारीखों पर जाने से ही समय नहीं मिलता. कामकाज सब छूट गया है.

आर्थिक तंगी के बने हालात
वहीं पहलू खान के सबसे छोटे बेटे मुबारिक ने कहा कि पिता की मौत के बाद घर पूरी तरह बिखर गया है. जब से उसके पिता की मौत हुई है तब से घटना के चश्मदीद रहे इरशाद और आरिफ कोर्ट में केस की पैरवी कर रहे हैं. घर में आर्थिक तंगहाली सामने आ रही है. जिसकी वजह से वो नौ महीने बाद अपने घर ईद के त्योहार पर लौटे हैं.

केस हारने की खबर सदमे में है पीड़ित परिवार
मुबारिक के मुताबिक उसने नौ महीने में जो कमाया उसे पिता को न्याय दिलाने के लिए तारीखों पर खर्च कर दिया. लेकिन ट्रक चलाते समय जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके पिता के केस में सभी छह आरोपियों को अलवर कोर्ट ने बरी कर दिया है तो उसके हाथ-पैर फूल गए. केस हारने की खबर जैसे ही परिजनों को लगी तो घर में चूल्हा नहीं जला. अभी तक परिवार इसे लेकर सदमे में है और कोर्ट के फैसले से कहीं न कहीं नाराज है.
न्याय दिलाने के लिए जमीन जायदाद बेचने को तैयार
पीड़ित परिवार ने कहा कि शुक्रवार को दोपहर बाद उस समय राहत की खबर आई जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहलू खान मामले की जांच दोबारा से करने के आदेश दिए. कई दिन से चेहरे पर गुस्सा और मायूसी लिए परिवार के सदस्यों के चेहरे पर कुछ रौनक लौट आई. पहलू खान के बेटों ने कहा कि अगर पिता को न्याय दिलाने के लिए जमीन-जायदाद और घर सब बिक जाए तब भी पीछे नहीं हटेंगे. उन्हें हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी जाना पड़ा तो न्याय लेकर ही रहेंगे.
यह भी पढ़ें- पहलू खान मॉब लिंचिंग मामला: निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे परिजन
परिवार को राजस्थान सरकार से न्याय की उम्मीद
घटना के चश्मदीद और पहलू खान के बड़े बेटे इरशाद ने गहलोत सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जब वो, अब होगा न्याय का नारा सुनते और देखते थे तो लगता था कि अब उन्हें न्याय मिल जाएगा, लेकिन अलवर कोर्ट ने जो फैसला सुनाया उससे परिवार हिल गया. इरशाद ने कहा कि भले ही राजस्थान सरकार मामले की दोबारा से जांच करा रही हो, बावजूद इसके उनका परिवार अपने वकीलों से कानूनी राय लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा जरूर खटखटाएगा.
परिवार की हालत बद से बदतर हुईपहलू खान की पत्नी बोली कि अगले दो-तीन दिन में या कभी भी उनका परिवार वकीलों से राय लेकर राजस्थान हाईकोर्ट जा सकता है. उन्होंने कहा कि पहलू परिवार का मुखिया था और उनके जाने के बाद घर के हालात बद से बदतर हो गए. उनके पास कोर्ट में केस लड़ने तक के लिए पैसों का अभाव आड़े आ रहा है. इरशाद और आरिफ को तो तारीखों पर जाने से ही समय नहीं मिलता. कामकाज सब छूट गया है.

न्याय के लिए परिवार वकीलों से राय लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में जा सकता है.
आर्थिक तंगी के बने हालात
वहीं पहलू खान के सबसे छोटे बेटे मुबारिक ने कहा कि पिता की मौत के बाद घर पूरी तरह बिखर गया है. जब से उसके पिता की मौत हुई है तब से घटना के चश्मदीद रहे इरशाद और आरिफ कोर्ट में केस की पैरवी कर रहे हैं. घर में आर्थिक तंगहाली सामने आ रही है. जिसकी वजह से वो नौ महीने बाद अपने घर ईद के त्योहार पर लौटे हैं.

पीड़ित परिवार ने कहा कि वो न्याय के लिए अपनी जमीन और जायदाद बेचने को तैयार हैं
केस हारने की खबर सदमे में है पीड़ित परिवार
मुबारिक के मुताबिक उसने नौ महीने में जो कमाया उसे पिता को न्याय दिलाने के लिए तारीखों पर खर्च कर दिया. लेकिन ट्रक चलाते समय जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके पिता के केस में सभी छह आरोपियों को अलवर कोर्ट ने बरी कर दिया है तो उसके हाथ-पैर फूल गए. केस हारने की खबर जैसे ही परिजनों को लगी तो घर में चूल्हा नहीं जला. अभी तक परिवार इसे लेकर सदमे में है और कोर्ट के फैसले से कहीं न कहीं नाराज है.
न्याय दिलाने के लिए जमीन जायदाद बेचने को तैयार
पीड़ित परिवार ने कहा कि शुक्रवार को दोपहर बाद उस समय राहत की खबर आई जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहलू खान मामले की जांच दोबारा से करने के आदेश दिए. कई दिन से चेहरे पर गुस्सा और मायूसी लिए परिवार के सदस्यों के चेहरे पर कुछ रौनक लौट आई. पहलू खान के बेटों ने कहा कि अगर पिता को न्याय दिलाने के लिए जमीन-जायदाद और घर सब बिक जाए तब भी पीछे नहीं हटेंगे. उन्हें हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी जाना पड़ा तो न्याय लेकर ही रहेंगे.
यह भी पढ़ें- पहलू खान मॉब लिंचिंग मामला: निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे परिजन