हरियाणा में 15 अप्रैल से 30 जून तक होगी चना, सरसों की खरीद, सरकार ने दिया आदेश

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सहकारिता मंत्री ने कहा, अनाज खरीद में लगे श्रमिकों के रहने, खाने-पीने की व्यवस्था करेगी सरकार
- News18Hindi
- Last Updated: March 31, 2020, 2:12 PM IST
चंडीगढ़. हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने चने और सरसों की खरीद के लिए समय तय कर दिया है. दोनों की खरीद 15 अप्रैल से 30 जून तक होगी. जबकि गेहूं की खरीद में 20 दिन की देरी होगी. पहले यह 1 अप्रैल से शुरू होनी थी लेकिन लॉकडाउन (Lockdown) के चलते 20 अप्रैल से खरीद का फैसला लिया गया है.
खरीद सीजन के दौरान ढुलाई और अन्य कार्यों में लगने वाले सभी श्रमिकों के ठहरने और उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी. ताकि अन्न की ढुलाई के काम में बाधा न पैदा हो. ऐसा सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से भी किया जाएगा. राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने इस बात की जानकारी दी है.
डॉ. लाल ने बताया कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप के चलते राज्य की मंडियों में आने वाली रबी फसल की पैदावार की खरीद सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. ताकि किसी प्रकार की दिक्कत न हों.
आटा, सरसों तेल की नहीं होगी कमी
उन्होंने बताया कि वीटा के बूथों पर हैफेड (HAFED) के उत्पादों को बिक्री के लिए रखा जा रहा है ताकि राज्य के लोग लॉकडाउन के दौरान इन उत्पादों को बूथों के माध्यम से ले सकें. किसी भी प्रकार से आटा और सरसों के तेल की सप्लाई को रूकने नहीं दिया जाएगा और न ही इसकी कमी आएगी.
गेहूं पर मिलेगा बोनस, बाकी पर फैसला नहीं
अगर कोई किसान 20 अप्रैल से 5 मई तक अपना गेहूं खरीद केंद्र पर बेचता है तो उसे सरकार 1925 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदेगी. यानी यही गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) है. लेकिन 6 से 31 मई तक यही गेहूं 1975 रुपये क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाएगा, यानी एमएसपी के ऊपर 50 रुपये का बोनस जुड़ेगा. इसी तरह 1 से 30 जून तक 2050 रुपये के हिसाब से खरीद होगी. यानी 125 रुपये का बोनस जुड़कर मिलेगा.
ये भी पढ़ें: कोरोना लॉकडाउन पर हरियाणा सरकार का ऐलान, खेतों में आवाजाही पर कोई रोक नहीं
लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को जबरन अवकाश पर न भेजें कंपनी मालिक: दुष्यंत चौटाला
खरीद सीजन के दौरान ढुलाई और अन्य कार्यों में लगने वाले सभी श्रमिकों के ठहरने और उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी. ताकि अन्न की ढुलाई के काम में बाधा न पैदा हो. ऐसा सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से भी किया जाएगा. राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने इस बात की जानकारी दी है.
डॉ. लाल ने बताया कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप के चलते राज्य की मंडियों में आने वाली रबी फसल की पैदावार की खरीद सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. ताकि किसी प्रकार की दिक्कत न हों.

मनोहरलाल खट्टर ने गेहूं की खरीद पर होने वाली देरी पर बोनस देने का फैसला लिया है
उन्होंने बताया कि वीटा के बूथों पर हैफेड (HAFED) के उत्पादों को बिक्री के लिए रखा जा रहा है ताकि राज्य के लोग लॉकडाउन के दौरान इन उत्पादों को बूथों के माध्यम से ले सकें. किसी भी प्रकार से आटा और सरसों के तेल की सप्लाई को रूकने नहीं दिया जाएगा और न ही इसकी कमी आएगी.
गेहूं पर मिलेगा बोनस, बाकी पर फैसला नहीं
अगर कोई किसान 20 अप्रैल से 5 मई तक अपना गेहूं खरीद केंद्र पर बेचता है तो उसे सरकार 1925 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदेगी. यानी यही गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) है. लेकिन 6 से 31 मई तक यही गेहूं 1975 रुपये क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाएगा, यानी एमएसपी के ऊपर 50 रुपये का बोनस जुड़ेगा. इसी तरह 1 से 30 जून तक 2050 रुपये के हिसाब से खरीद होगी. यानी 125 रुपये का बोनस जुड़कर मिलेगा.
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