हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupender Singh Hooda) बहुचर्चित एजेएल प्लॉट आवंटन मामले (AJP Plot Allocation case) में पंचकूला (Panchkula) में ईडी की विशेष कोर्ट में पेश हुए. मामले में आरोपी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कोर्ट में हाजरी लगाई, जबकि मोती लाल वोहरा आज कोर्ट में पेश नहीं हुए. मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी. पिछली सुनवाई में हुड्डा और वोहरा को बड़ी राहत मिली गई थी. ईडी कोर्ट ने बचाव पक्ष की याचिका पर फैसला सुनाया और दोनों को नियमित जमानत दे दी.
हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने 64.93 करोड़ रुपये का प्लॉट AJL को 69 लाख 39 हजार रुपये में दिया था. कुछ दिन पूर्व प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंचकुला में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को एक भूखंड आवंटन से जुड़े मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर हुड्डा से पूछताछ की थी. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनके बयान दर्ज किए गए थे.
पंचकूला स्थित यह भूखंड सेक्टर 6 में सी-17 नंबर AJL को आवंटित किया गया था. इसे पिछले साल ED ने कुर्क कर लिया था. AJL को कथित तौर पर नेहरू-गांधी परिवार के सदस्यों सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा संचालित किया जाता था.
ED की जांच में पाया गया है कि हुड्डा ने हरियाणा का मुख्यमंत्री रहने के दौरान अपने पद का दुरुपयोग करते हुए यह भूखंड पुन: आवंटन की आड़ में नए सिरे से AJL को 1982 की दर (91 रुपये प्रति वर्ग मीटर) और ब्याज के साथ फर्जी तरीके से आवंटित कर दिया. एजेंसी ने कहा था कि 2005 में इस पुन: आवंटन से AJL को अनुचित फायदा हुआ. यह ग्रुप नेशनल हेराल्ड अखबार निकालता था.
ED के मुताबिक, इस भूखंड का बाजार मूल्य 64.93 करोड़ रुपये था, जबकि इसे हुड्डा को 69.39 लाख रुपये में आवंटित कर दिया था. हुड्डा के खिलाफ विशेष CBI अदालत में पहले ही मानेसर जमीन घोटाले, AJL प्लॉट आवंटन मामले में आरोप तय करने के लिए बहस चल रही है. CBI के विशेष जज जगदीप सिंह इन मामलों की सुनवाई कर रहे हैं. AJL केस में ED द्वारा दाखिल अभियोजन की शिकायत की सुनवाई भी वही करेंगे.
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FIRST PUBLISHED : December 10, 2019, 12:49 IST