समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट: 14 मार्च को फैसला सुनाएगी NIA अदालत
इस ब्लास्ट में 68 लोगों की जान चली गई थी और 19 कब्रों को आज तक पहचान का इंतजार है. मामले के आरोपियों में से एक की हत्या हो गई थी और तीन को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया था.
- News18 Haryana
- Last Updated: March 11, 2019, 5:18 PM IST
समझौता एक्सप्रेस ट्रेन धमाका मामले में 7 मार्च को सुनवाई पूरी हो गई है. सोमवार को एनआईए कोर्ट में फैसला सुनवाई हुई. अब इस मामले में 14 मार्च को फैसला सुनाया जाएगा. इससे पहले, मामले के मुख्य आरोपी असीमानंद की सोमवार को कोर्ट में पेशी हुई.
बता दें कि मामला 18 फरवरी 2007 का है. समझौता एक्सप्रेस विस्फोट एक आतंकवादी घटना थी जिसमें 18 फरवरी, 2007 को भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट हुए थे. यह ट्रेन दिल्ली से अटारी, पाकिस्तान जा रही थी. इस ब्लास्ट में 68 लोगों की जान चली गई थी और 19 कब्रों को आज तक पहचान का इंतजार है. मामले के आरोपियों में से एक की हत्या हो गई थी और तीन को पीओ घोषित कर दिया गया था.
विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक हुआ था. विस्फोट से लगी आग में कम से कम 68 व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 13 अन्य घायल हो गए थे. मारे गए ज़्यादातर लोग पाकिस्तानी नागरिक थे.
अगस्त 2014 में केस में आरोपी स्वामी असीमानंद को जमानत मिल गई. कोर्ट में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) असीमानंद के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं दे पाई थी. उन्हें सीबीआई ने 2010 में उत्तराखंड के हरिद्वार से गिरफ्तार किया था. उन पर वर्ष 2006 से 2008 के बीच भारत में कई जगहों पर हुए बम धमाकों को अंजाम देने से संबंधित होने का आरोप था. असीमानंद के खिलाफ मुकदमा उनके इकबालिया बयान के आधार पर बना था लेकिन बाद में वे ये कहते हुए अपने बयान से मुकर गए थे कि उन्होंने वे बयान टॉर्चर किए जाने की वजह से दिया था.
ब्लास्ट के सभी आरोपियों के खिलाफ ये मामला पंचकुला की एनआईए कोर्ट में चल रहा है और मामले में अब तक कुल 224 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं. अब 14 मार्च को एनआईए कोर्ट समझौता ब्लास्ट मामले में बड़ा फैसला सुना सकती है.
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बता दें कि मामला 18 फरवरी 2007 का है. समझौता एक्सप्रेस विस्फोट एक आतंकवादी घटना थी जिसमें 18 फरवरी, 2007 को भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट हुए थे. यह ट्रेन दिल्ली से अटारी, पाकिस्तान जा रही थी. इस ब्लास्ट में 68 लोगों की जान चली गई थी और 19 कब्रों को आज तक पहचान का इंतजार है. मामले के आरोपियों में से एक की हत्या हो गई थी और तीन को पीओ घोषित कर दिया गया था.
2007 Samjhauta Express blast case: Haryana's Panchkula court reserves order for March 14. pic.twitter.com/lafv9ntjrR
— ANI (@ANI) March 11, 2019
विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक हुआ था. विस्फोट से लगी आग में कम से कम 68 व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 13 अन्य घायल हो गए थे. मारे गए ज़्यादातर लोग पाकिस्तानी नागरिक थे.
अगस्त 2014 में केस में आरोपी स्वामी असीमानंद को जमानत मिल गई. कोर्ट में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) असीमानंद के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं दे पाई थी. उन्हें सीबीआई ने 2010 में उत्तराखंड के हरिद्वार से गिरफ्तार किया था. उन पर वर्ष 2006 से 2008 के बीच भारत में कई जगहों पर हुए बम धमाकों को अंजाम देने से संबंधित होने का आरोप था. असीमानंद के खिलाफ मुकदमा उनके इकबालिया बयान के आधार पर बना था लेकिन बाद में वे ये कहते हुए अपने बयान से मुकर गए थे कि उन्होंने वे बयान टॉर्चर किए जाने की वजह से दिया था.
ब्लास्ट के सभी आरोपियों के खिलाफ ये मामला पंचकुला की एनआईए कोर्ट में चल रहा है और मामले में अब तक कुल 224 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं. अब 14 मार्च को एनआईए कोर्ट समझौता ब्लास्ट मामले में बड़ा फैसला सुना सकती है.
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