आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर
देश और प्रदेश में अपनी आरटीआई रिपोर्ट के लिए मशहूर आरटीआई कार्यकर्ता ने फसल बिमा योजना को लेकर एक बार फिर बीजेपी सरकार पर सवालिया निशान उठाये हैं. पीपी कपूर का कहना है कि अपने चहेतों की इंश्योरेंश कंपनियों को फायदा देने के लिए ये फसल बीमा योजना शुरू की गई थी. पीपी कपूर ने कहा की सरकार की मनमानी के चलते किसान फसल बिमा योजना से मुंह फेरने लगे हैं. कपूर ने किसानो के लिए शुरू की गई फसल बिमा योजना को रोक लगाने की मांग की हैं. वंही आरटीआई की रिपोर्ट के अनुसार दावा किया है कि निजी कंपनियों को इससे 16 हजार करोड़ का फायदा.
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने आरटीआई के तहत केन्द्रीय कृषि मंत्रालय से प्राप्त सूचनाओं से खुलासा किया है कि बहुचर्चित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को दो वर्षों में पूरे देश के 85 लाख किसानों ने छोड़ दिया है. इस योजना को छोडऩे वाले किसानों में 80 प्रतिशत(कुल 68 लाख) किसान भाजपा शासित चार राज्यों से हैं.
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सरकारी क्षेत्र की एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया (ए.आई.सी.) के इलावा कुल दस निजी बीमा कम्पनियों ने इस योजना से इसी दौरान कुल 15,795 करोड़ रूपये कमाए. चार बड़े राज्यों मध्य प्रदेश (2.90 लाख), राजस्थान (31.25 लाख), महाराष्ट (19.47 लाख) व यूपी (14.69) में कुल 1.06 करोड़ किसानों का योजना से मोहभंग हो गया.
वर्ष 2016-17 में बीमा कम्पनियों की औसत कमाई प्रतिमाह 538.30 करोड़ रूपये प्रति माह तो वर्ष 2017-18 में यह औसत कमाई बढक़र प्रतिदिन 778 करोड़ रूपये प्रतिमाह हो गई. वर्ष 2016-17 में 5.72 करोड़ कुल किसान बीमाकृत किए गए तो वर्ष 2017-18 में इनकी संख्या 85 लाख घटकर 4.87 करोड़ रह गई.
वहीं पीपी कपूर ने भाजपा शासित हरियाणा में दो वर्ष में बीमाकृत किसानों की संख्या में 15,228 की वृद्धि हुई. जहां वर्ष 2016-17 में बीमाकृत किसानों की कुल संख्या 13,36,028 थी वहीं वर्ष 2017-18 में यह बढक़र 13,51,256 हो गई. वर्ष 2016-17 में किसानों से कुल 364.39 करोड़ रूपये प्रीमियम राशि वसूल कर उन्हें कुल 292.55 करोड़ रूपये की मुआवजा राशि दी गई.
बीमा कम्पनियों को वर्ष 2016-17 में कुल 71.83 करोड़ का लाभ हुआ. वर्ष 2017-18 में बीमा कम्पनियों ने कुल 453 करोड़ रूपये का प्रीमियम वसूला जबकि किसानों को मुआवजे में 358 करोड़ रूपये देकर कुल 95 करोड़ रूपये कमाए.
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