RTI से खुलासा: हरियाणा सरकार के पास नहीं है सीएम खट्टर के नागरिकता प्रमाण पत्र

आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गई थी. (फाइल फोटो)
कपूर ने मुख्यमंत्री सचिवालय (secretariat) के राज्य सूचना अधिकारी के इस जवाब पर हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि जिनके अपने नागरिकता (Citizenship) के प्रमाण पत्रों के रिकार्ड मौजूद नहीं हैं, वो पूरे प्रदेश और देश की 135 करोड़ जनता से सबूत मांग रहे हैं.
- News18 Haryana
- Last Updated: March 5, 2020, 3:15 PM IST
पानीपत. हरियाणा सरकार के पास मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manoahr Lal Khattar), राज्यपाल और मंत्रियों के भारतीय नागरिक होने का कोई सबूत मौजूद नहीं है. मुख्यमंत्री सचिवालय ने यह सूचना निर्वाचन आयोग के पास होने की संभावना व्यक्त करते हुए इस बारे आरटीआई (RTI) आवेदन को वापस लौटा दिया है. पानीपत के आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि प्रदेश सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी के समर्थन में रैलियां कर रही है. इस बारे उन्होंने गत 20 जनवरी को मुख्यमंत्री सचिवालय में आरटीआई आवेदन लगाकर सीएम मनोहरलाल खट्टर और उनके सभी मंत्रीमंडल सहयोगी मंत्रियों और राज्यपाल के भारतीय नागरिक होने के सबूतों की छाया प्रति मांगी थी.
सीएम सचिवालय की जन सूचना अधिकारी एवं अधीक्षक पूनम राठी ने अपने 17 फरवरी के पत्र द्वारा बताया कि यह सूचना उनके पास रिकॉर्ड में नहीं है. मांगी गई सूचना निर्वाचन आयोग के पास उपलब्ध होने की सम्भावना व्यक्त करते हुए आरटीआई आवेदन को कपूर को वापास लौटा दिया.
RTI एक्टिविस्ट ने जताई हैरानी
कपूर ने मुख्यमंत्री सचिवालय के राज्य सूचना अधिकारी के इस जवाब पर हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि जिनके अपने नागरिकता के प्रमाण पत्रों के रिकार्ड मौजूद नहीं हैं, वो पूरे प्रदेश और देश की 135 करोड़ जनता से सबूत मांग रहे हैं. बता दें कि पिछले साल सितंबर में विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वादा किया था कि वह अवैध प्रवासियों को हरियाणा से निकालने के लिए राज्य में NRC लागू करेंगे.पीपी कपूर ने किया एक और खुलासा
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने लोकसभा राज्यसभा व वित्त मंत्रालय से आरटीआई में प्राप्त जानकारी से खुलासा किया कि 2178 पूर्व सांसदों की सालाना पेंशन पर 70.50 करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे हैं. पैंशनर पूर्व सांसदों की संख्या में भी बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. दक्षिणी भारतीय फिल्मों के स्टार एस. शरत कुमार इकलौते पूर्व सांसद हैं जिन्होंने स्वेच्छा से पेंशन लेने से इन्कार कर दिया. पैंशनर पूर्व सांसदों में नामी फिल्मी सितारे, उद्योगपति व सभी दलों के प्रमुख नेता शामिल हैं.
ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ में कोरोना वायरस के दो संदिग्ध मिले, हाल ही में इंडोनेशिया और सिंगापुर से लौटे थे दोनों
हरियाणा: विधायकों को चीन से आए टैबलेट दिए जाने पर विपक्ष में खौफ, विज बोले- डरने की जरूरत नहीं
सीएम सचिवालय की जन सूचना अधिकारी एवं अधीक्षक पूनम राठी ने अपने 17 फरवरी के पत्र द्वारा बताया कि यह सूचना उनके पास रिकॉर्ड में नहीं है. मांगी गई सूचना निर्वाचन आयोग के पास उपलब्ध होने की सम्भावना व्यक्त करते हुए आरटीआई आवेदन को कपूर को वापास लौटा दिया.
RTI एक्टिविस्ट ने जताई हैरानी
कपूर ने मुख्यमंत्री सचिवालय के राज्य सूचना अधिकारी के इस जवाब पर हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि जिनके अपने नागरिकता के प्रमाण पत्रों के रिकार्ड मौजूद नहीं हैं, वो पूरे प्रदेश और देश की 135 करोड़ जनता से सबूत मांग रहे हैं. बता दें कि पिछले साल सितंबर में विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वादा किया था कि वह अवैध प्रवासियों को हरियाणा से निकालने के लिए राज्य में NRC लागू करेंगे.पीपी कपूर ने किया एक और खुलासा
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने लोकसभा राज्यसभा व वित्त मंत्रालय से आरटीआई में प्राप्त जानकारी से खुलासा किया कि 2178 पूर्व सांसदों की सालाना पेंशन पर 70.50 करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे हैं. पैंशनर पूर्व सांसदों की संख्या में भी बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. दक्षिणी भारतीय फिल्मों के स्टार एस. शरत कुमार इकलौते पूर्व सांसद हैं जिन्होंने स्वेच्छा से पेंशन लेने से इन्कार कर दिया. पैंशनर पूर्व सांसदों में नामी फिल्मी सितारे, उद्योगपति व सभी दलों के प्रमुख नेता शामिल हैं.
ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ में कोरोना वायरस के दो संदिग्ध मिले, हाल ही में इंडोनेशिया और सिंगापुर से लौटे थे दोनों
हरियाणा: विधायकों को चीन से आए टैबलेट दिए जाने पर विपक्ष में खौफ, विज बोले- डरने की जरूरत नहीं