दिल्ली मार्च: पानीपत टोल नाके पर रोके जाने से किसान नाराज, पूछा- क्या हम आतंकी हैं?

दिल्ली कूच कर रहे किसान पानीपत टोल नाके पर जबरन रोके जाने से नाराज हैं (फोटो: ANI से साभार)
गुरुवार देर शाम तक किसानों का एक बड़ा समूह दिल्ली से लगभग 100 किलोमीटर दूर पानीपत टोल प्लाजा (Panipat Toll Plaza) तक पहुंच चुका है. भारतीय किसान संघ (हरियाणा) के नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारियों (Farmers Protest) की यहां रात गुजारने की योजना है और अगले दिन सुबह फिर उनका 'दिल्ली मार्च' शुरू होगा
- News18Hindi
- Last Updated: November 27, 2020, 11:01 PM IST
पानीपत. कृषि कानूनों (Farm Laws) का विरोध करते हुए पंजाब और हरियाणा से हजारों की संख्या में किसान 'दिल्ली मार्च' (Delhi March) पर आगे बढ़ रहे हैं. हरियाणा की खट्टर सरकार (Khattar Government) के निर्देश पर पुलिस-प्रशासन इन किसानों को रोकने के लिए मुस्तैदी से तैनात है. प्रदर्शनकारी किसानों (Farmers Protest) को पानीपत टोल प्लाजा (Panipat Toll Plaza) पर आगे बढ़ने से रोक दिया गया. किसान खुद को रोके जाने से काफी नाराज हैं. किसानों का कहना है कि क्या हम आतंकवादी हैं कि हमें देश की राजधानी के अंदर जाने की इजाजत नहीं है. यह लोकतंत्र की हत्या है.
गुरुवार देर शाम तक किसानों का एक बड़ा समूह दिल्ली से लगभग 100 किलोमीटर दूर पानीपत टोल प्लाजा तक पहुंच चुका है. भारतीय किसान संघ (हरियाणा) के नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की यहां रात गुजारने की योजना है और अगले दिन सुबह फिर उनका 'दिल्ली मार्च' शुरू होगा.
कृषि कानूनों के विरोध में 'दिल्ली मार्च' निकाल रहे हैं आंदोलनकारी किसान
बता दें कि केंद्र के बनाए कृषि कानूनों के विरोध में बड़ी संख्या में पंजाब और हरियाणा के किसान 26 और 27 नवंबर को 'दिल्ली मार्च' कर रहे हैं. इसे देखते हुए दिल्ली की हरियाणा से लगते तमाम बॉर्डर को सील कर दिया गया है. किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए यहां बड़ी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है.
26 और 27 नवंबर को दिल्ली में बुलाए गए इस प्रदर्शन को 500 से ज्यादा किसान संगठनों का समर्थन मिला है. किसानों को आशंका है कि नए कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वो बड़े कारोबारियों की दया पर निर्भर हो जाएंगे.
Haryana: Farmers heading towards Delhi as part of 'Delhi Chalo' protest march, halt at Panipat toll plaza.
A protestor says, “Are we terrorists that we are not being allowed to enter the national capital. It is the death of democracy.” pic.twitter.com/sYnM6Ffk8l— ANI (@ANI) November 26, 2020
गुरुवार देर शाम तक किसानों का एक बड़ा समूह दिल्ली से लगभग 100 किलोमीटर दूर पानीपत टोल प्लाजा तक पहुंच चुका है. भारतीय किसान संघ (हरियाणा) के नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की यहां रात गुजारने की योजना है और अगले दिन सुबह फिर उनका 'दिल्ली मार्च' शुरू होगा.
कृषि कानूनों के विरोध में 'दिल्ली मार्च' निकाल रहे हैं आंदोलनकारी किसान
बता दें कि केंद्र के बनाए कृषि कानूनों के विरोध में बड़ी संख्या में पंजाब और हरियाणा के किसान 26 और 27 नवंबर को 'दिल्ली मार्च' कर रहे हैं. इसे देखते हुए दिल्ली की हरियाणा से लगते तमाम बॉर्डर को सील कर दिया गया है. किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए यहां बड़ी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है.
26 और 27 नवंबर को दिल्ली में बुलाए गए इस प्रदर्शन को 500 से ज्यादा किसान संगठनों का समर्थन मिला है. किसानों को आशंका है कि नए कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वो बड़े कारोबारियों की दया पर निर्भर हो जाएंगे.