संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिये गए.
सोनीपत. किसान आंदोलन स्थगित होने के बाद आज कुंडली सिंघु बॉर्डर (Kundli-Singhu Border) पर किसान आंदोलन ऑफिस में संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) नेताओं की बैठक हुई. किसान मोर्चा की इस बैठक के बाद किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसका सबसे बड़ा फैसला ये हुआ है कि जो भी किसान संगठन या किसान नेता चुनाव लड़ रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा नहीं होंगे. संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक (Non Political Morcha) है और यह किसी भी चुनाव का हिस्सा नहीं होगा.
31 जनवरी को देशभर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा. 23-24 फरवरी को मजदूर संगठनों का साथ भारत बंद का समर्थन व किसान मोर्चा करेगा. 21 जनवरी को किसान नेता राकेश टिकैत लखीमपुर का तीन दिवसीय दौरा करेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा की किसान आंदोलन के स्थगित होने के बाद हुई पहली बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा का ऐलान किया कि सरकार द्वारा किए गए वायदों बैठक में समीक्षा की गई. सरकार ने MSP पर कोई भी कमेटी नही बनाई है. रेलवे व दिल्ली के मुकदमे वापसी की कार्रवाई नही की गई है. केस वापसी को लेकर हरियाणा राज्य को छोड़कर अन्य किसी भी राज्य ने कोई कार्रवाई अमल में नही लाई है.
एक फरवरी तक का सरकार का अल्टीमेटम
31 जनवरी को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए जाएंगे. 1 फरवरी तक का सरकार को अल्टीमेटम दिया जाता है, नही तो फिर उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड जोर शोर से शुरू किया जाएगा. मजदूर संगठन 23 और 24 फरवरी को भारत बंद का ऐलान कर चुके हैं. संयुक्त किसान मोर्चा मजदूर संगठनों का समर्थन करेगा.
लखीमपुर खीरी घटना पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री पर कोई कार्रवाई नही हुई है. SIT की रिपोर्ट में वो आरोपी सरकार आरोपी को बचा रही है. 302 के मुकदमे सरकार पर लगाए गए और किसानों को जेल में डाला जा रहा है. राकेश टिकैत 21 जनवरी से तीन दिवसीय लखीमपुर के दौरे पर रहेंगे. अगर बात नहीं बनी तो वहां पक्का मोर्चा लगाया जाएगा.
किसान नेताओं ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक है और पहले ही घोषणा हो चुकी है कि यह किसी राजनीतिक संगठन का साथ नहीं चुनाव लड़ेंगे. किसान संगठन और किसान नेता चुनाव लड़ रहे हैं. वह एसकेएम से बाहर निकाले जाएंगे. वह संयुक्त किसान मोर्चा का अभी से हिस्सा नहीं होंगे.
4 महीने तक संयुक्त किसान मोर्चा इस मामले पर गहनता से बातचीत करेगा. उसके बाद ही जो किसान नेता चुनाव लड़ रहे हैं. उनके बारे में फैसला लिया जाएगा कि आने वाले समय में उनके साथ कैसे संबंध रखे जाएंगे. किसान मोर्चा ने कहा कि अभी तक सरकार की तरफ से बातचीत का न्यौता नही मिला है. सरकार ने वादाखिलाफी की है.
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Tags: Kisan Andolan, Samyukt Kisan Morcha
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