सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए लुधियाना से नवविवाहित जोड़ा पहुंचा.
सोनीपत. केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों (Agriculture Law) के खिलाफ सिंघु बॉर्डर (Sighu Border) पर किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan) करीब एक साल से चल रहा है. बुधवार को किसान आंदोलन में लुधियाना से एक नवविवाहित जोड़ा (Newly married) सिंघु बॉर्डर पहुंचा और मंच पर मत्था टेककर नए जीवन की शुरुआत की. लुधियाना से आए हरजोत सिंह और मनप्रीत कौर ने अपनी वैवाहिक जीवन की शुरुआत किसान आंदोलन में हिस्सेदारी करके की. दोनों को शादी पर शगुन में जो धनराशि मिली थी, वह उन्होंने सिंघु बॉर्डर पर पहुंचकर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (Sayunkt Kisan Morcha-SKM) को सौंप दी.
किसानों के मंच पर माथा टेकने के बाद नवविवाहित जोड़े ने आह्वान किया कि जो युवा किसी न किसी वजह से अभी तक आंदोलन में नहीं पहुंच पाए हैं, वह एक बार यहां जरूर आएं. किसानों ने भी नवविाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया और आंदोलन के नाम शगुन भेंट किया.
जिंदगी की नई शुरुआत कर रहे हैं
पंजाब में लुधियाना जिले के माच्छीवाड़ा एरिया के संघे गांव में रहने वाले हरजोत सिंह और मनप्रीत कौर की शादी पिछले महीने 18 अक्टूबर को हुई. दो हफ्ते शादी की रस्मों और रिश्तेदारी में ही गुजर गए. वहां से फ्री होने के बाद दोनों हनीमून पर जाने की बजाय सीधे किसान आंदोलन में हिस्सेदारी करने सिंघु बॉर्डर पर पहुंच गए.
उनके रिश्तेदार भी यहां आए
हरजोत सिंह के अनुसार, शादी के बाद जिंदगी का नया अध्याय शुरू हुआ है. दोनों ने जब अपने परिवार को सिंघु बॉर्डर पर जाने की इच्छा के बारे में बताया तो परिवार ने भी हौसला बढ़ाया. इसके बाद हरजोत सिंह व मनप्रीत कौर सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे और शादी में शगुन के तौर पर मिले 11 हजार रुपए किसान आंदोलन में दान दे दिए. दोनों ने यह रकम किसान आंदोलन के मंच पर रखी गत्ते की पेटी में डाल दी. दोनों के साथ उनके रिश्तेदार भी यहां आए.
किसान आंदोलन में जेल भी जा चुके हैं हरजोत
हरजोत सिंह 26 नवंबर 2020 से ही किसान आंदोलन से जुड़े हैं. पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर जेल भी भेज चुकी है. हरजोत सिंह ने कहा कि यह खून की लड़ाई है और केंद्र सरकार किसानों के सब्र का इम्तिहान ले रही है. धीरे-धीरे ही सही, जीतेंगे तो किसान ही. सिंघु बॉर्डर पर उनके बुजुर्ग एक साल से जमे बैठे हैं. उनको देखकर नौजवानों को भी हौसला मिलता है.
किसान तो यहां आने वाली पीढ़ी के लिए बैठे हैं
मनप्रीत कौर ने कहा कि वह पहली बार किसान आंदोलन में पहुंची हैं मगर अब दोनों साथ आया करेंगे. मनप्रीत कौर ने कहा कि उनके जैसे जो युवा अभी तक यहां नहीं आ पाए हैं, उन्हें एक बार जरूर आना चाहिए. किसानों को उनके साथ की जरूरत है. यह लड़ाई अकेले किसानों की नहीं है. किसान तो यहां आने वाली पीढ़ी के लिए बैठे हैं.
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