रिपोर्ट : नितिन अंतिल
सोनीपत. दिल्ली में एक बार फिर किसान आंदोलन की आहट शुरू हो चुकी है क्योकि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में किसान एक महापंचायत करने जा रहे है. जिसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा काफी लंबे समय से तैयारियां करता हुआ नजर आ रहा था और आज सोनीपत के रेलवे स्टेशन से किसानों का एक जत्था दिल्ली के लिए रवाना हो गया. किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए हरियाणा और दिल्ली पुलिस ने सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किया है.
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है क्योंकि सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान वायदा किया था कि एमएसपी गारंटी कानून पर जो कमेटी बनाई थी उसमें केवल सरकार के आदमी है. किसान कोई भी शामिल नहीं किया गया है और सरकार एमएसपी गारंटी कानून देने से भी बच रही है. साल 2020 -21 में उत्तर भारत के लाखों किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर काफी लंबे समय तक तीन कृषि कानूनों के विरोध में संघर्ष किया और जैसे-जैसे यह संघर्ष लंबा होता गया वैसे वैसे इस संघर्ष में किसान अपनी कुछ मांगे जोड़ते चले गए थे.
कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया और कुछ मांगों पर कमेटी गठन करने का फैसला लिया जिसको लेकर किसान भी सहमत नजर आएं, सरकार ने एमएसपी गारंटी कानून पर एक कमेटी बनाई थी जिस को तय करना था कि किन फसलों पर एमएसपी सरकार दे सकती है और किन पर छूट दी जा सकती है. सरकार ने जो कमेटी बनाई उसके विरोध में किसान शुरुआत से ही सरकार के खिलाफ एकजुट होते हुए नजर आए और आज किसानों ने ऐलान किया था कि इसको लेकर दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में एक महापंचायत की जाएगी जिसको लेकर किसान सोनीपत से भी दिल्ली रवाना हुए और किसानों इस महापंचायत को देखते हुए दिल्ली और हरियाणा पुलिस ने कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं ताकि दिल्ली में कोई भी शरारती तत्व दाखिल ना हो सके.
किसानों का जत्था दिल्ली रवाना
सोनीपत के रेलवे स्टेशन पर किसानों का एक जत्था रेल में सवार होकर दिल्ली पहुंचेगा, किसानों ने सोनीपत रेलवे स्टेशन पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार के खिलाफ वायदा खिलाफी के आरोप लगाए. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान नेताओं ने दिल्ली रवाना होने से पहले बताया कि सरकार ने कृषि कानून तो वापस ले लिए थे लेकिन उसके साथ-साथ कुछ वायदे किए थे कि विश्व में एमएसपी गारंटी कानून अहम था और उसके साथ साथ बिजली बिल 2022 को रद्द करना था . लेकिन सरकार ने एमएसपी गारंटी कानून पर जो कमेटी बनाई उसमें अपने ही आदमी रख लिए. किसानों को शामिल नहीं किया गया और आज हम एक बार फिर दिल्ली में एक महापंचायत करने जा रहे है. जिसमें सरकार के खिलाफ कड़े फैसले लिए जा सकते हैं क्योंकि सरकार किसानों के साथ वादाखिलाफी कर रही है.
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