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CWG 2022: गोल्ड जीतने वाले नवीन मलिक 3 साल की उम्र से कर रहे थे पहलवानी, जानें सफलता की पूरी कहानी

सोनीपत के गांव पुगथला के रहने वाले नवीन मलिक ने भी 74 किलोग्राम में गोल्ड मेडल जीतकर नाम रोशन किया है.

सोनीपत के गांव पुगथला के रहने वाले नवीन मलिक ने भी 74 किलोग्राम में गोल्ड मेडल जीतकर नाम रोशन किया है.

Wrestler Naveen Malik success story: राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार हरियाणा के पहलवानों का दबदबा दिख रहा है. इनमें से एक ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

2012 से खेलना शुरू किया, कड़ी मेहनत से हासिल किया एशियन चैंपियनशिप से कॉमनवेल्थ तक मुकाम
3 साल की उम्र से ही पहलवानी करने लगा था नवीन
नवीन को कामयाब पहलवान बनाने उसके पिता रोज 60 किमी दूर दूध लेकर जाते थे

सोनीपत. राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार हरियाणा के पहलवानों का दबदबा देखने को मिल रहा है. हरियाणा के पहलवानों से जो उम्मीद लगाई जा रही थी वह उस पर खरा उतर रहे हैं और लगातार सोना जीत रहे हैं. सोनीपत के गांव पुगथला के रहने वाले नवीन मलिक ने भी 74 किलोग्राम में गोल्ड मेडल जीतकर नाम रोशन किया है. वहीं उसकी जीत के बाद परिवार में खुशी का माहौल है. पिता का कहना है कि उसने अपने बेटे को पहलवान बनाने के लिए बहुत मेहनत की थी और उसकी मेहनत रंग लाई है. बेटे ने गोल्ड मेडल जीतकर उसका नाम रोशन कर दिया है. वहीं बेटा जब घर पहुंचेगा तो उसका धूमधाम से स्वागत किया जाएगा.

अगर नवीन मलिक के बारे में बात की जाए तो कॉमनवेल्थ में खेलने वाले सोनीपत के नवीन मलिक गांव पुगथला के रहने वाले हैं. नवीन मलिक 74 किलो वर्ग में खेलते हैं. नवीन का जन्म गांव पुगथला में 21 नवंबर 2002 को हुआ था. नवीन ने फिलहाल बारहवीं कक्षा के एग्जाम दिए हैं और इंडियन एयर फोर्स में कार्यरत हैं. नवीन को बचपन से ही पहलवान बनने का शौक था और उसने 3 साल की आयु से ही खेलना शुरू कर दिया था. उसके पिता पहलवानी करते थे और दोनों भाइयों को ही पहलवान बना दिया था. उनके पिता खेती करते थे. नवीन के अलावा उनकी तीन बहनों और एक भाई है.

 2012 से खेलना शुरू किया
नवीन पहले जूनियर चैंपियनशिप में 70 किलोग्राम में खेलता था. नवीन ने 2012 में खेलना शुरू किया था और रायपुर में एक स्टेडियम में वह अपनी प्रैक्टिस करते हैं. उनके कोच कुलदीप का कहना है कि नवीन बहुत मेहनती है और उसकी मेहनत का ही नतीजा है कि वह कॉमनवेल्थ में खेल रहा है. नवीन ने एशियन चैंपियनशिप अंडर 23 में गोल्ड मेडल हासिल किया था और इसके बाद सीनियर एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक पर कब्जा जमाया था. वहीं नवीन ने पहली बार ही कॉमनवेल्थ गेम का ट्रायल दिया था और उसका सिलेक्शन हो गया था. वहीं पहली बार में ही नवीन मलिक ने गोल्ड मेडल जीता है.

3 साल की उम्र से ही पहलवानी करने लगा था नवीन
गोल्ड मेडल जीतने के बाद नवीन मलिक के माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा है. नवीन के पिता की बात की जाए तो उनका कहना है कि नवीन ने 3 साल की उम्र से ही पहलवानी करनी शुरू कर दी थी और दोनों भाई पहलवानी करते थे. उस वह घर से सामान्य वर्ग से आते हैं और उनके पिता को खुद पहलवानी का शौक था.

उसके पिता रोज 60 किमी दूर दूध लेकर जाते थे
उनके पिता ने नवीन के लिए बहुत मेहनत की है और वह रोजाना 60 किलोमीटर बेटे को घर का दूध और भी देने के लिए जाते थे. उनके पिता धर्मपाल ने बताया कि वह रोजाना घर से दूध लेकर यहां से गाड़ी लेते थे और उसके बाद गन्नौर से ट्रेन और फिर पैदल 10 किलोमीटर उसके अखाड़े में पहुंचते थे, जहां पर नवीन प्रैक्टिस करता था. आज वह अपने बेटे पर गर्व महसूस कर रहे हैं. क्योंकि उनकी मेहनत रंग लाई है और उनके बेटे ने कॉमनवेल्थ गेम में गोल्ड मेडल जीतकर उनका सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है.

Tags: Commonwealth Games 2022, Hariyana, Sonipat news

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