Farmers Protest: हरियाणा के बिजली मंत्री का बयान- हर किसी ने किसानों को लूटा...

रंजीत चौटाला ने किसानों के आंदोलन को लेकर कही ये बात
Farmers Protest: हरियाणा के कृषि मंत्री ने कहा कि डेमोक्रेसी में सबको अपने विचार रखने का हक है. किसान आज अपने बच्चों की स्कूल फीस नहीं भर पाता है. उसे 500 रुपयों के लिए भी भटकना पड़ता है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 2, 2020, 3:33 PM IST
यमुनानगर. जिले में पहुंचे बिजली मंत्री रणजीत चौटाला (Ranjit Chautala) ने मीडिया से बात करते हुए कई मुद्दों पर चर्चा की. किसान आंदोलन (Farmers Agitation) पर बिजली मंत्री ने कहा कि इसका हल होना चाहिए और इस संबंध में बातचीत हो रही है इससे कोई न कोई हल जरूर निकलेगा. वहीं विधायक सोमवीर सांगवान के चेयरमैनशिप से इस्तीफे पर रणजीत चौटाला ने कहा कि हर एमएलए चुने हुए होते हैं उनका अपना विवेक होता है कोई दबाव नहीं है. अपने हिसाब से जिसकी जो कोशिश बनती है करता है. जब बिजली मंत्री से सवाल किया गया कि क्या किसान आंदोलन में हरियाणा के किसान नहीं है? इस पर वह बोले कि यह डेमोक्रेसी है हर किसी का अपना व्यू होता है.
बिजली मंत्री ने कहा सच्ची बात तो यह है कि किसान का हर किसी ने शोषण किया है. हर किसी ने किसान को लूटा है. वह तो बहुत पहले साफ कर चुके हैं कि किसान आंदोलन होगा. लेकिन जिन लोगों की सोच अच्छी है वह प्रयास कर रहे हैं यकीनन कोई ना कोई हल जरूर निकलेगा.
मुख्यमंत्री के बयान पर कही ये बातबिजली मंत्री से जब यह सवाल किया गया कि मुख्यमंत्री का यह कहना कि इस किसान आंदोलन में हरियाणा के किसान नहीं है? इस सवाल का जवाब देते हुए बिजली मंत्री ने कहा कि मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि हरियाणा के किसान नहीं है. वहां पर गिनती तो ना आपने की है ना मैंने. हर आदमी का अपना व्यू होता है कोई आदमी डेमोक्रेसी में कह सकता है. मेरा मानना है कि किसान की 1 एकड़ की कीमत 15 लाख है उसे कुछ भी नहीं मिलता. वह बच्चों की स्कूल की फीस भी नहीं भर पाता. उसे 500 रुपयों के लिए भी भटकना पड़ता है.
आज जमींदार का बेटा नहीं करना चाहता खेती-बाड़ी
विदेशों की अपेक्षा भारत में सबसे ज्यादा लोगों की आजीविका खेती-बाड़ी पर निर्भर करती है. लेकिन आज किसी भी जमींदार का बेटा खेती-बाड़ी नहीं करना चाहता. मगर जब उसे कोई और विकल्प नहीं मिलता तो उसको मजबूरी में खेती ही करनी पड़ती है.
बिजली मंत्री ने कहा सच्ची बात तो यह है कि किसान का हर किसी ने शोषण किया है. हर किसी ने किसान को लूटा है. वह तो बहुत पहले साफ कर चुके हैं कि किसान आंदोलन होगा. लेकिन जिन लोगों की सोच अच्छी है वह प्रयास कर रहे हैं यकीनन कोई ना कोई हल जरूर निकलेगा.
मुख्यमंत्री के बयान पर कही ये बातबिजली मंत्री से जब यह सवाल किया गया कि मुख्यमंत्री का यह कहना कि इस किसान आंदोलन में हरियाणा के किसान नहीं है? इस सवाल का जवाब देते हुए बिजली मंत्री ने कहा कि मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि हरियाणा के किसान नहीं है. वहां पर गिनती तो ना आपने की है ना मैंने. हर आदमी का अपना व्यू होता है कोई आदमी डेमोक्रेसी में कह सकता है. मेरा मानना है कि किसान की 1 एकड़ की कीमत 15 लाख है उसे कुछ भी नहीं मिलता. वह बच्चों की स्कूल की फीस भी नहीं भर पाता. उसे 500 रुपयों के लिए भी भटकना पड़ता है.
आज जमींदार का बेटा नहीं करना चाहता खेती-बाड़ी
विदेशों की अपेक्षा भारत में सबसे ज्यादा लोगों की आजीविका खेती-बाड़ी पर निर्भर करती है. लेकिन आज किसी भी जमींदार का बेटा खेती-बाड़ी नहीं करना चाहता. मगर जब उसे कोई और विकल्प नहीं मिलता तो उसको मजबूरी में खेती ही करनी पड़ती है.