हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट एयरपोर्ट के लिए जो प्रस्तावित साइट सामने आई है, उसको लेकर ग्रामीणों में विस्थापन का डर अभी से ही सताने लग गया है.
बल्हघाटी के ग्रामीण यह तो चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट उनके इलाके में बने, लेकिन इसे ऐसे स्थान पर बनाने की बात कही जा रही है, जहां सरकारी जमीन और बंजर जमीन ज्यादा हो. ऐसे स्थान पर न बनाया जाए, जहां लोगों की हजारों बीघा निजी भूमि इसकी भेंट चढ़नी हो और लोगों को विस्थापन का दंश झेलना पड़े.
बल्ह बचाओ संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल लगभग 200 ग्रामीणों और किसानों के साथ बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी से उनके निवास स्थान पर मिला.
इसमें मुख्य रूप से बल्ह बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक प्रेम चंद सैनी, समाजसेवी रोशन कपूर, परस राम, किसान सभा, पार्षद सुमन चौधरी, जोगिन्दर वालिया, गुरिया राम नायक, उप प्रधान भौर नन्द लाल वर्मा, जय राम वालिया, दिले राम, संजय सैनी और किशनचंद सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे.
11 गांव और पांच हजार बीघा और 1230 मकानों पर असर
इनका कहना है कि जो प्रस्तावित साईट सामने आ रही है, उसके तहत 11 गांव की 3019 बीघा जमीन और 1230 मकान जबकि 5 हजार की घनी आबादी विस्थापित होगी.
इन्होंने विधायक को सुझाव दिया कि इसे बल्ह में ही आसपास किसी ऐसे स्थान पर बनाया जाए, जहां सरकारी तथा बंजर भूमि अधिक हो. विधायक इंद्र सिंह गांधी ने आए हुए ग्रामीणों और किसानों को बताया कि अभी सिर्फ सर्वे का काम चला हुआ है और अभी फाइनल कुछ भी नहीं हुआ है.
उन्होंने बताया कि वह इस बात को सीएम के समक्ष प्रमुखता से रखेंगे कि यहां के लोगों की भावनाओं का पूरा ध्यान रखा जाए.
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Tags: Chandigarh airport, Himachal pradesh
FIRST PUBLISHED : June 15, 2018, 14:37 IST