हिमाचल: हंगरी में पदक जीतने वाले नवराज सहित 14 खिलाड़ियों को स्कूल ने निकाला

बिलासपुर:स्कूल से निकाले गए खिलाड़ी.
बिलासपुर स्कूल (Bilaspur Boys School) के प्रधानाचार्य जीवन ज्योति का कहना है कि खिलाड़ियों (Players) को स्कूल में समय पर नहीं आने के अलावा स्कूल से गैरहाजिर रहने के चलते निकाला गया है. इससे तरह से अनुशासन भंग होता है और शिक्षा विभाग (Education Department) के निर्देशानुसार उन्होंने नियमों का पालन किया है.
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated: September 25, 2019, 3:56 PM IST
बिलासपुर. देश के दूसरे राज्यों में खेलों में नाम कमाने वाले खिलाड़ियों को जहां सिर आंखों पर बिठाया जाता है, वहीं, हिमाचल में इसके उलट हो रहा है. मामला हिमाचल के बिलासपुर का है. यहां हंगरी में इंटरनेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप (Boxing Championship) में सिल्वर (Silver) मेडल जीतने वाले खिलाड़ी को स्कूल से निकाल दिया गया. हंगरी (Hungry) में मेडल विजेता नवराज चौहान स्कूल प्रशासन की बेरुखी का शिकार होने वाला इकलौता खिलाड़ी नहीं है. उसके अलावा, 14 अन्य खिलाड़ियों (Players) को शिक्षा विभाग (Education Department) ने स्कूल से बाहर किया है.
स्कूल छोड़ने को किया मजबूर: नवराज
जानकारी के अनुसार, आरोप है कि करीब 20 दिन अध्यापकों ने उन्हें स्कूल का गेट क्रॉस करने नहीं दिया. यहां तक कि प्रधानाचार्य सहित अध्यापकों ने मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर अन्य स्कूल को प्रमाणपत्र लेकर जाने पर विवश किया. नवराज चौहान ब्वॉयज स्कूल बिलासपुर में 11वीं का छात्र था. उसने न्यूज़ 18 को दूरभाष पर बताया पर बताया कि वह बिलासपुर (Bilaspur) में ही पढ़ना चाहता था, मगर स्कूल प्रबंधन ने उसे मानसिक तौर पर परेशान किया और स्कूल छोड़ने पर विवश किया. वह आजकल चंडीगढ़ में एक खेल शिविर प्रतियोगिता के लिए बॉक्सिंग का अभ्यास कर रहा है. जूनियर वर्ग के 52 किलो भार वर्ग में देशभर में रैंकिंग में नवराज का दूसरा स्थान है.
कुल 14 खिलाड़ी किए बाहर
वर्तमान समय में खेलो इंडिया केंद्र के बिलासपुर साईं हॉस्टल में 21 खिलाड़ी ब्वायज स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इनमें से कबड्डी और बॉक्सिंग के राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर के 14 खिलाड़ियों को को स्कूल से निकाल बाहर का रास्ता दिखा दिया है. ये खिलाड़ी में अंतराष्ट्रीय स्तर पर जूनियर वर्ग में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं. खिलाड़ियों और उनके प्रशिक्षकों का आरोप है कि उन्हें प्रतिदिन अभ्यास करने अतिरिक्त खेल शिविर लगाने में भाग लेने के अलावा प्रतियोगिताओं में जाना होता है. इसके लिए उन्हें स्कूल प्रशासन ने सहयोग नहीं किया और स्कूल छोड़ने का दबाव बनाया है. आरोप है कि स्कूल प्रधानाचार्य अक्सर उन्हें कहकर प्रताड़ित करते हैं कि तुम साईं के लिए खेलते हो, स्कूल के लिए नहीं.
पदक जीतने पर स्कूल ने नवाजे थे नवराज
75 फीसदी एटेंडेंस न होने पर यह कार्रवाई की गई है. स्कूल प्रबंधन का कहना है कि परीक्षा परिणाम खराब न हो, इसके लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. स्कूल का परीक्षा परिणाम लगातार गिर रहा है. इस सत्र में नवराज केवल 18 दिन ही स्कूल आए हैं.
यह बोले प्रिंसिपल
बिलासपुर स्कूल के प्रधानाचार्य जीवन ज्योति का कहना है कि खिलाड़ियों को स्कूल में समय पर नहीं आने के अलावा स्कूल से गैरहाजिर रहने के चलते निकाला गया है. इससे तरह से अनुशासन भंग होता है और शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार उन्होंने नियमों का पालन किया है.
ये भी पढ़ें: फ्रांस में वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए सिरमौर के सुनील शर्मा का हुआ चयन
हिमाचल की सीनियर बॉक्सिंग टीम ने रचा इतिहास, भूटान में जीते 2 गोल्ड-6 सिल्वर
स्कूल छोड़ने को किया मजबूर: नवराज
जानकारी के अनुसार, आरोप है कि करीब 20 दिन अध्यापकों ने उन्हें स्कूल का गेट क्रॉस करने नहीं दिया. यहां तक कि प्रधानाचार्य सहित अध्यापकों ने मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर अन्य स्कूल को प्रमाणपत्र लेकर जाने पर विवश किया. नवराज चौहान ब्वॉयज स्कूल बिलासपुर में 11वीं का छात्र था. उसने न्यूज़ 18 को दूरभाष पर बताया पर बताया कि वह बिलासपुर (Bilaspur) में ही पढ़ना चाहता था, मगर स्कूल प्रबंधन ने उसे मानसिक तौर पर परेशान किया और स्कूल छोड़ने पर विवश किया. वह आजकल चंडीगढ़ में एक खेल शिविर प्रतियोगिता के लिए बॉक्सिंग का अभ्यास कर रहा है. जूनियर वर्ग के 52 किलो भार वर्ग में देशभर में रैंकिंग में नवराज का दूसरा स्थान है.

नवराज चौहान ने हंगरी में बॉक्सिंग में सिल्वर पदक जीता है.
वर्तमान समय में खेलो इंडिया केंद्र के बिलासपुर साईं हॉस्टल में 21 खिलाड़ी ब्वायज स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इनमें से कबड्डी और बॉक्सिंग के राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर के 14 खिलाड़ियों को को स्कूल से निकाल बाहर का रास्ता दिखा दिया है. ये खिलाड़ी में अंतराष्ट्रीय स्तर पर जूनियर वर्ग में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं. खिलाड़ियों और उनके प्रशिक्षकों का आरोप है कि उन्हें प्रतिदिन अभ्यास करने अतिरिक्त खेल शिविर लगाने में भाग लेने के अलावा प्रतियोगिताओं में जाना होता है. इसके लिए उन्हें स्कूल प्रशासन ने सहयोग नहीं किया और स्कूल छोड़ने का दबाव बनाया है. आरोप है कि स्कूल प्रधानाचार्य अक्सर उन्हें कहकर प्रताड़ित करते हैं कि तुम साईं के लिए खेलते हो, स्कूल के लिए नहीं.
पदक जीतने पर स्कूल ने नवाजे थे नवराज
75 फीसदी एटेंडेंस न होने पर यह कार्रवाई की गई है. स्कूल प्रबंधन का कहना है कि परीक्षा परिणाम खराब न हो, इसके लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. स्कूल का परीक्षा परिणाम लगातार गिर रहा है. इस सत्र में नवराज केवल 18 दिन ही स्कूल आए हैं.
यह बोले प्रिंसिपल
बिलासपुर स्कूल के प्रधानाचार्य जीवन ज्योति का कहना है कि खिलाड़ियों को स्कूल में समय पर नहीं आने के अलावा स्कूल से गैरहाजिर रहने के चलते निकाला गया है. इससे तरह से अनुशासन भंग होता है और शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार उन्होंने नियमों का पालन किया है.
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