चम्बा. हिमाचल प्रदेश में पहले कोरोना की वजह से बच्चों को पढ़ाई में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कई जगह पर ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल सिग्नल ना होने की वजह से बच्चे पढ़ाई से वंचित रहे. लेकिन जब अब पूरी तरह से स्कूल खुल चुके हैं तो यहां पर अध्यापकों की कमी के चलते बच्चों को पढ़ने में दिक्कत हो रही है. जिला चम्बा के बहुत से स्कूल ऐसे हैं, जो एक ही अध्यापक के सहारे चल रहे हैं.
आए दिन कहीं ना कहीं किसी न किसी स्कूल के छात्र स्कूल में अध्यापकों की कमी को लेकर सड़कों पर उतर रहे हैं. राजकीय केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला जूनागढ़ भूनाड की बात करें तो यहां पर भी पांच कक्षाओं के लिए मात्र एक अध्यापक बच्चों को पढ़ा रहा है. साथ ही बच्चों को शारीरिक शिक्षा का भी ज्ञान दिया जा रहा है. इस बात से खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक अध्यापक पांच कक्षाओं को किस तरह से पढ़ा रहा होगा. स्कूल प्रशासन द्वारा विभाग को कई बार इस समस्या से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक स्कूल में अध्यापकों के रिक्त पड़े पदों को नहीं भरा गया है.
छोटे-छोटे बच्चों ने बताया कि उनके स्कूल में मात्र एक ही अध्यापक है और जिसकी वजह से उन्हें पढ़ाई में दिक्कत हो रही है. उन्होंने बड़े ही मासूम तरीके से शिक्षा विभाग से आग्रह किया है कि उनके स्कूल में अध्यापकों की कमी को पूरा किया जाए, ताकि वह सही तरीके से अपनी शिक्षा ग्रहण कर पाए,
स्कूल में मात्र कार्यरत एक अध्यापक का कहना है कि आसपास के जो सेंटर है, उनमें भी इसी तरह से अध्यापकों की कमी चल रही है और अगर डेपुटेशन पर कोई अध्यापक को बुलाना हो तो उस स्कूल में भी दिक्कत हो जाती है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को इसके बारे में लिखित रूप से भी बता दिया था, लेकिन अभी तक अध्यापकों की प्रमोशन नहीं हुई है, जिसकी वजह से अध्यापकों की कमी चल रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग का यह कहना है कि काफी स्कूलों में अध्यापकों की कमी चल रही है, लेकिन सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि जल्द से स्कूलों में खाली पड़े पदों को भरा जाए.
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