में तैनात जितेंद्र कुमार को मरणोपरांत 9 महीने के बाद गैड हरमसोलड़ मेडल से सम्मानित किया जाएगा. यह सम्मान उन्हें 29 मई को अंतरराष्ट्रीय युनाइटेड नेशन पीसकीपर दिवस पर साहसिक कार्य के लिए दिया जाएगा. युनाइटेड नेशन में भारतीय राजदूत सैयद अकबरुद्दीन जितेंद्र की जगह इस मेडल को हासिल करेंगे. वर्ष 2002 से संयुक्त राष्ट्र पीसकीपिंग अवॉर्ड दिवस उन सैनिकों की याद में मनाया जाता है, जो युनाइटेड नेशन पीसकीपिंग फोर्स की सर्विस के दरमियान शहीद होते हैं. 70 सालों में अब तक भारतीय शांति सेना के 163 सैनिक शहीद हो चुके हैं. इस साल सेना, पुलिस व सिविलियन के करीब 119 लोगों को इस मैडल से सम्मानित किया जाएग. जितेंद्र भारत के एकमात्र ऐसे सैनिक है जिन्हें इस साल यह सम्मान दिया जाना है.
युनाइटेड नेशन पीस कीपिंग फोर्स के महासचिव एंटोनियो गूटेर्रेस उन सभी लोगों को यह मेडल प्रदान करेंगे. जितेंद्र चंबा जिले के उत्यानु गांव के रहने वाले थे और वह
में बतौर कांस्टेबल तैनात थे. वह साउथ अफ्रीका में युनाइटेड नेशन पीसकीपिंग फोर्स मैं शामिल थे और उनका वहां पर हृदय गति रुक जाने से देहांत हो गया था. जितेंद्र के पिता कृषि विभाग में कार्यरत हैं.
जितेंद्र कुमार के पिता ईश्वरी प्रसाद शर्मा ने बताया कि उन्हें बहुत गर्व है कि उनका बेटा सेना में कार्य करता था और उसे यह सम्मान मिल रहा है. उन्होंने बताया कि उनका बेटा बहुत ही होनहार व मेहनती था. वह जब भी घर आता था तो घर के सभी कार्य खुद ही करता था उन्हें किसी चीज की चिंता नहीं होती थी. उन्हें इस सम्मान को लेकर खुशी तो हो रही है, लेकिन उन्हें अपना बेटा खोने का काफी गम है.
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FIRST PUBLISHED : May 22, 2019, 17:35 IST