कांगड़ा. हिमाचल प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार आम आदमी पार्टी के निशाने पर है. पार्टी के चुनाव सह प्रभारी अजय दत्त ने एक बार फिर जयराम सरकार पर निशाना साधा है. धर्मशाला में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सरकार पर निशाना साधा है. अजय दत्त ने कहा कि हिमाचल में सरकारी स्कूलों की दशा बद से बदतर हो गई है, जिसके लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है. भाजपा के राज में स्कूलों का स्तर इतना गिर चुका है कि शैक्षणिक सत्र 2022- 23 में 153 प्राइमरी स्कूल बंद हो गए हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा की स्थिति ऐसी हो गई है कि प्रदेश के 600 स्कूलों में एक भी टीचर्स उपलब्ध नहीं है और कई ऐसे स्कूल हैं जहां एक कमरे के भीतर तीन- तीन कक्षाएं चल रही हैं. ऐसे में कैसे बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जा रही है.
उन्होंने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि प्रदेश में 251 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां एक ही रूम में दो- दो ,तीन- तीन कक्षाएं चल रही हैं. जबकि 991 ऐसी स्कूल हैं जहां एक- एक टीचर के सहारे बच्चों का भविष्य संवारा जा रहा है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी की जयराम सरकार ने शिक्षा के लेवल को किस स्तर तक पहुंचाया है कि प्रदेश में 6439 स्कूल ऐसे हैं जहां 60 से कम बच्चे हैं और कई स्कूल ऐसे हैं जहां कमरे ज्यादा और बच्चों की संख्या बहुत कम है.
एक भी छात्र को एडमिशन नहीं मिली है
अजय दत्त ने कहा कि जयराम ठाकुर यह बताएं कि यह हालत स्कूलों की क्यों कर दी है, इसके पीछे क्या कारण है. वह जनता को बताएं, क्यों स्कूलों को खराब करने में लगे हुए हैं और प्राइवेट स्कूलों को बढ़ावा दे रहे हैं. ऐसे में बच्चे कैसे पढ़ पाएंगे. उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश में शैक्षणिक सत्र 2022 -23 में 153 स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी छात्र को एडमिशन नहीं मिली है.
जयराम सरकार पर प्रश्नचिन्ह लगाती है
अजय दत्त ने जयराम ठाकुर की शिक्षा नीति पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी की शिक्षा नीति सरकारी स्कूलों को बंद करो और प्राइवेट स्कूलों को बढ़ाने की नीति है जो जयराम सरकार पर प्रश्नचिन्ह लगाती है. उन्होंने जयराम ठाकुर से पूछा कि आखिर सरकारी स्कूल बंद क्यों हो रहे हैं, जहां एक ही टीचर, एक ही कमरा और एक ही छात्र हैं. उन्होंने बताया कि एक सर्वे के मुताबिक, प्रदेश में 47% कॉलेज ऐसे हैं जहां कोई भी प्रिंसिपल नहीं है तो ऐसे में कैसे कॉलेज चलेंगे और कैसे छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल पाएगी. उन्होंने बताया कि पिछले साढ़े 4 सालों में प्रदेश सरकार ने कंप्यूटर टीचर की भर्ती नहीं की है. ऐसे में हाईटेक के जमाने में बच्चे क्या शिक्षा ग्रहण कर रहे होंगे. जहां न टीचर न ही कंप्यूटर और न ही इंटरनेट की सुविधा है.
करीब 12 हजार टीचरों के पद खाली पड़े हैं
अजय दत्त ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के अंदर करीब 12 हजार टीचरों के पद खाली पड़े हैं जो बीजेपी की शिक्षा नीति को कटघरे में खड़ा करती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग बीजेपी की शिक्षा नीति से दुखी और बहुत परेशान हैं. जहां गरीब लोगों के पढ़ने के साधन को बीजेपी ने खराब कर दिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर सरकारी स्कूलों का मॉडल दुनियाभर में नंबर वन पर है, जहां अच्छी शिक्षा,अच्छी व्यवस्था और अच्छा साधन उपलब्ध है. दिल्ली सरकार ने अच्छी शिक्षा देने के लिए अध्यापकों को अमरीका, जापान, लंदन और आईआईएम भेजा है. उसके बाद दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को सुधारा गया है. उन्होंने कहा कि पिछले साल दिल्ली में सीबीएसई का रिजल्ट 99.97 प्रतिशत आया है जो दिल्ली सरकार का बेहतर शिक्षा का नतीजा है.
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