देहरा में सैंकड़ों हरे पेड़ों पर आरी चलाई गई
सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बाबजूद देहरा में हरेभरे खैर के पेड़ों पर आरी चली है. यह ताजा मामला नगर परिषद देहरा का है. यहां एक, दो नहीं बल्कि सैंकड़ों खैर के हरे पेड़ काट दिए गए हैं. इस वारदात को अंजाम तक पहुंचाने के लिए वन विभाग कर्मचारियों के साथ-साथ नगर परिषद के कर्मचारियों ने भी मोटी रकम वसूल की है. कानूनन नगर परिषद के अधिकार क्षेत्र में खैर कटान के लिए मंजूरी वन विभाग नहीं बल्कि कांगड़ा के डीसी देते हैं और नियमों के अनुसार सिर्फ सूखे खैर के पेड़ काटने की ही परमिशन दी गई थी. लेकिन, खैर के ठेकेदारों ने मिलीभगत से सूखे खैरों के पेड़ों की आड़ में हरे पेड़ों पर भी आरी चला दी. इस पूरे प्रकरण में भी वन विभाग भी सवालों के घेरे में आ रहा है.
वन अधिकारी इजाजत देने से पहले करता है मुआयना
वन विभाग का अधिकारी सूखे पेड़ काटने की इजाजत भी संबंधित इलाके का मुआयना करने के बाद देता है. फ़ॉरेस्ट गार्ड द्वारा पूरी रिपोर्ट तैयार की जाती है. सूखे पेड़ों की गणना कर उन पर मार्किंग इत्यादि करने के साथ-साथ राजस्व विभाग से भी क्षेत्र की पैमाइश करवाई जाती है. तमाम औपचारिकताओं के बाद ही सूखे खैरों को काटने की अनुमति दी जाती है.
राजेश और रवींद्र के काटे गए खैर के पेड़
इतने नियम-कानूनों की उपेक्षा कर माफिया ने सूखे पेड़ों की आड़ में हरे पेड़ों का कत्ल कर मोटी चांदी कूट रहे हैं. देहरा के निवासी राजेश व रविन्द्र के हरे खैर रातों रात काट दिए गए हैं.
(देहरा से ब्रजेश्वर साकी की रिपोर्ट)
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Dharamshala, Kangra district, Protest against tree-cutting