धर्मशाला. हिमाचल प्रदेश में सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की सक्रियता बढ़ती ही जा रही है. पन्नू ने अब धर्मशाला जिला अदालत की जेएम शुभांगी जोशी को धमकी दी है. इस धमकी का ऑडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. गुरपतवंत सिंह पन्नू की तरफ से धमकी मिलने के बाद जिला अदालत में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. एसएफजे नेता का यह धमकी भरा मैसेज राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और न्यायाधीश शुभांगी के लिए है.
गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपने मैसेज में कहा है कि सिख्स फॉर जस्टिस ने खालिस्तान का झंडा कोई बम नहीं उड़ाया है. परिणाम के लिए तैयार रहे और अब आपको सिख फॉर जस्टिस का सामना करना पड़ेगा. पन्नू ने आगे कहा कि खालिस्तान के झंडो का मुकदमा बंद करो नहीं तो इसका अंजाम भुगतोगे. याद करो जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और मुख्यमंत्री बेअंत के अंगरक्षक उनकी रक्षा नहीं कर पाए.
रिमांड लेकर पुलिस आरोपी से तथ्यों को खंगालेगी
एसएफजे नेता पन्नू ने कहा कि सिख फॉर जस्टिस 6 जून को संत जरनैल सिंह भिंडरावाले की शहादत के दिन हिमाचल मे होने वाले खालिस्तान रेफरेंडम के वोट की तारीख की घोषणा करेगी. यह संदेश सिख फॉर जस्टिस के जरनल काउंसिल गुरपतवंत सिंह पन्नू की तरफ से है. बता दें कि खालिस्तान के बैनर लगाने वाले दूसरे आरोपी को आज ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा. मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी. दरअसल, रिमांड लेकर पुलिस आरोपी से तथ्यों को खंगालने की कोशिश करेगी.
गुरपतवंत पन्नू के ऑडियो और वीडियो पर सीएम की प्रतिक्रिया
गौरतलब है कि गुरपतवंत पन्नू का पहले भी कई ऑडियो वायरल हो चुका है. इस मामले पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि गुरपतवंत पन्नू का वीडियो ऑडियो एक बार नहीं बल्कि अनेक बार वायरल हो चुका है. उसे हमने न तो पहले सीरियस तरीके से लिया था और न ज्यादा गंभीर होने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि मगर जिस तरह से बीते दिनों धर्मशाला के विधानसभा भवन परिसर के बाहर खालिस्तानी झंडे लगाने जैसा काम किया गया. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कई जगहों पर इस तरह की घटनाएं हुई हैं उन्हें संजीदगी के साथ हमने लिया है. इस मामले में भी हमने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है.
जनरैल सिंह भिंडरावाले
80 के दशक में खालिस्तान आंदोलन चरम पर था. उसे विदेशों में रहने वाले सिखों के जरिए वित्तीय और नैतिक समर्थन मिल रहा था. इसी दौरान पंजाब में जनरैल सिंह भिंडरावाले खालिस्तान के सबसे मजबूत नेता के रूप में उभरा. उसने स्वर्ण मंदिर के हरमंदिर साहिब को अपनी गतिविधियों का केंद्र बनाया. भिंडरावाले ने अपने साथियों के जरिए पूरे पंजाब में इस आंदोलन को खासा उग्र कर दिया.
जरनैल सिंह भिंडरावाला के बारे में कहा जाता है कि वो सिख धर्म में कट्टरता का समर्थक था. सिखों के शराब पीने, बाल कटाने जैसी चीजों के वो सख्त खिलाफ था. जब भिंडरावाले ने पूरे पंजाब में अपनी पकड़ बनानी शुरू की तो अराजकता का दौर भी शुरू हो गया. बता दें कि 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान भिंडरावाले की मौत हो गई थी.
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