Kangra: तीसरी बार राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजे गए BSF DIG सुरजीत गुलेरिया

साल 1987 में गुलेरिया बीएसएफ में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट भर्ती हुए.
कॉलेज टाइम में गुलेरिया अपने कॉलेज (डीएवी, कांगड़ा) के बेस्ट एथलीट भी रहे. हिमाचल यूनिवर्सिटी, शिमला में वह तीन साल तक शॉटपुट और डिस्कस थ्रो के चैंपियन रहे थे.
- News18Hindi
- Last Updated: January 28, 2021, 12:05 PM IST
कांगड़ा. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) से संबंध रखने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय कोलकाता के डीआईजी सुरजीत सिंह गुलेरिया को गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह सम्मान तीसरी बार मिल है. डीआईजी सुरजीत सिंह गुलेरिया (DIG Surjeet Singh Guleria) मूलरूप से कांगड़ा (Kangra) जिले के देहरा तहसील के खैरियां गांव से हैं. इससे पहले, उन्हें उत्कृष्ट सेवा कार्यों के लिए साल 2008 में प्रेसिडेंट पुलिस मेडल फॉर मेरिटोरियल सर्विस और 2016 में प्रेसिडेंट पुलिस मेडल फॉर डिस्टिंग्विश सर्विस दिया गया था.
2017 में जैश के आतंकियों से लिया था लोहा
साल 1987 में गुलेरिया बीएसएफ में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट भर्ती हुए थे. जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के शुरुआती दौर में ड्यूटी की. पंजाब, राजस्थान और बंगाल सीमा पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (युनाइटेड नेशन) की पुलिस में भी कोसबो में एक साल सेवा की है. एनडीआरएफ की कोलकाता बटालियन और पटना बटालियन को स्थापित करने का श्रेय भी उन्हें जाता है.
23 अक्तूबर 2017 को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों ने श्रीनगर एयरपोर्ट के पास गोगोलैंड स्थित बीएसएफ कैंपस पर रात को फिदायीन हमला कर दिया था. इस दौरान सुरजीत सिंह गुलेरिया ने जवानों के साथ कैंपस में मौजूद आतंकियों से लोहा लेते हुए उन्हें मार गिराया था.गांव में प्रारंभिक शिक्षा, बेस्ट एथलीट भी रहे
सुरजीत सिंह गुलेरिया की प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल खैरिया और हरिपुर में में हुई. बाद में डीएवी कॉलेज कांगड़ा से बीएससी और गवर्नमेंट कॉलेज धर्मशाला से बीएड की शिक्षा प्राप्त की.उन्होंने बीएसएफ में सेवा देते हुए एमबीए (आपदा प्रबंधन) की डिग्री भी हासिल की. कॉलेज टाइम में गुलेरिया अपने कॉलेज (डीएवी, कांगड़ा) के बेस्ट एथलीट भी रहे. हिमाचल यूनिवर्सिटी, शिमला में वह तीन साल तक शॉटपुट और डिस्कस थ्रो के चैंपियन रहे थे.
2017 में जैश के आतंकियों से लिया था लोहा
साल 1987 में गुलेरिया बीएसएफ में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट भर्ती हुए थे. जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के शुरुआती दौर में ड्यूटी की. पंजाब, राजस्थान और बंगाल सीमा पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (युनाइटेड नेशन) की पुलिस में भी कोसबो में एक साल सेवा की है. एनडीआरएफ की कोलकाता बटालियन और पटना बटालियन को स्थापित करने का श्रेय भी उन्हें जाता है.
23 अक्तूबर 2017 को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों ने श्रीनगर एयरपोर्ट के पास गोगोलैंड स्थित बीएसएफ कैंपस पर रात को फिदायीन हमला कर दिया था. इस दौरान सुरजीत सिंह गुलेरिया ने जवानों के साथ कैंपस में मौजूद आतंकियों से लोहा लेते हुए उन्हें मार गिराया था.गांव में प्रारंभिक शिक्षा, बेस्ट एथलीट भी रहे
सुरजीत सिंह गुलेरिया की प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल खैरिया और हरिपुर में में हुई. बाद में डीएवी कॉलेज कांगड़ा से बीएससी और गवर्नमेंट कॉलेज धर्मशाला से बीएड की शिक्षा प्राप्त की.उन्होंने बीएसएफ में सेवा देते हुए एमबीए (आपदा प्रबंधन) की डिग्री भी हासिल की. कॉलेज टाइम में गुलेरिया अपने कॉलेज (डीएवी, कांगड़ा) के बेस्ट एथलीट भी रहे. हिमाचल यूनिवर्सिटी, शिमला में वह तीन साल तक शॉटपुट और डिस्कस थ्रो के चैंपियन रहे थे.