धर्मशाला. अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण और अवैध तस्करी दिवस के खास मौके पर कांगड़ा पुलिस की ओर से समाज और युवाओं को जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में नशा और नशे से समाज में फैलने वाले कुप्रभाव और कुरीतियों पर जबरदस्त कुठाराघात किया गया. जनता के मनोरंजन के साथ नशे के खिलाफ कांगड़ा पुलिस का ये कार्यक्रम न केवल जनता ने बड़े चाव से देखा बल्कि कलाकारों द्वारा व्यंग्यात्मक तरीके से शराब के सेवन और नशे की अवैध तस्करी पर दिए गए बड़े संदेश पर भी गहरा चिंतन मनन किया और नशे के खिलाफ तौबा करने का भी प्रण लिया.
इस दौरान कांगड़ा पुलिस अधीक्षक खुशाहाल शर्मा ने बताया कि उन्हें आज भी याद है कि जब उन्होंने बतौर डीएसपी पहली मर्तबा साल 1999 में हिमाचल के कुल्लू में नियुक्ति पाई थी. उन्होंने सबसे पहले मलाणा में नशा खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया था, हालांकि ये बहुत जोखिम भरा कार्य था. मगर फिर भी उसे बहुत हद तक कंट्रोल करने में कामयाबी हासिल की थी. उन्होंने कहा कि नशा किसी भी स्तर पर किसी के लिए भी सुखद नहीं होता.
छन्नी वैली जैसे क्षेत्र नशे का गढ़
एसपी खुशहाल ने कहा कि कांगड़ा जैसे बड़े जनपद में नशे का चोर दरवाजों से भी कारोबार होता है. बावजूद इसके पुलिस विभाग ने कुछ जगहों पर नशा तस्करी को रोकने के लिए अलग-अलग विंग भी बनाए हैं. छन्नी वैली जैसे क्षेत्र नशे का गढ़ कहे जाते हैं , जहां पुलिस का अतिरिक्त बल अलग से काम करता है. उन्होंने आज इस खास मौके पर जनता से नशे के खिलाफ तौबा करने का प्रण लेने को कहा और कहा कि अगर सभ्य समाज बनाना है तो नशे को न करना है.
अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध (नशा मुक्ति/निवारण) दिवस
7 दिसंबर साल 1987 को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा ने 42/112 संकल्प को पारित कर हर साल 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध (नशा मुक्ति/निवारण) दिवस मनाने का फैसला किया. इस दिवस का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाते हुए उन प्रयासों को मजबूत बनाना है जिससे अंतरराष्ट्रीय समाज पूरी तरह से नशा मुक्त हो सके.
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