हमीरपुर. शहीद परिवार के परिजनों का दर्द छलका है. क्योंकि दो साल बीतने पर भी सरकार के वायदे अधूरे हैं. घोषणाओं को अमलीजामा अब तक नहीं पहनाया गया है. मामला हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले का है. वरुण शर्मा सियाचीन में सेवाएं देते शहीद हो गए थे.परिजनों को शहादत पर गर्व है, लेकिन सरकार की ओर से वादों को पूरा ना करने पर मलाल भी है.
शहीद की पत्नी को दो साल से पेंशन तक नहीं लग पाई है. ना ही सरकारी नौकरी मिली है. घर के लिए सड़क का काम भी अधूरा है. शहीद वरुण शर्मा की दूसरी बरसी पर घर पर श्रद्धाजंलि कार्यक्रम हुआ. विधायक नरेन्द्र ठाकुर ने शिरकत कर शहीद के चित्र पर पुष्प अर्पित किए. साथ ही शहीद के परिवार को वादों को पूरा करने का आश्वासन दिया.
पत्नी ने कहा-अब तक नहीं बना रास्ता
शहीद वरुण शर्मा की पत्नी शमा ने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरा पति देश की सेवा के लिए काम आए हैं. लेकिन अभी तक रास्ता भी पूरा नहीं बना है. नौकरी भी नहीं लग पाई है. पिता अमरनाथ ने बताया कि सरकार ने शहीद होने पर वायदे किए थे, लेकिन वायदों को अभी तक पूरा नहीं किया गया है. बेटे की पत्नी को अभी तक नौकरी तक नहीं लग पाई है. बीमा राशि भी नहीं मिली है. शहीद वरूण शर्मा के भाई ने कहा कि वरूण शर्मा सियाचिन में सेवाएं दे रहे थे और वहां पर शहीद हुए थे. जैसे ही पार्थिक शव को घर लाया था तो उसके दूसरे दिन ही माता भी स्वर्ग सिधार गई थी. शहीद की पत्नी को जल्द नौकरी दी जाए और पेंशन भी जल्द लगाई जाए. विधायक नरेन्द्र ठाकुर ने कहा कि दो साल पहले शहीद वरुण शर्मा ने शहादत का जाम पिया था. एसे बहादुर सपूतों की कमी भारत माता को हमेशा खलती रहेगी.
दो साल पहले हुए थे शहीद
हमीरपुर के साथ लगती ग्राम पंचायत बजूरी के गांव दुलेहडा के शहीद वरुण शर्मा वर्ष 2019 में सियाचिन में शहीद हो गए थे और उनके पार्थिक शव घर पहुंचने के दूसरे दिन माता बिमला देवी भी सदमे को न सहते हुए स्वर्ग सिधार गई थी.
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