कच्चा माल मिले तो हर दिन बन सकती है हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन की 1 करोड़ गोलियां, अभी सिर्फ 40 लाख का स्टॉक

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन नामक दवा का उत्पादन बढ़ाने के लिए फार्मा कंपनियों से बात की है. (फाइल फोटो)
हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन (Hydroxy Chloroquine) की वैश्विक मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस दवा का निर्माण करने वाली फार्मा कंपनियों (Pharma Companies) को उत्पादन में तेजी लाने के लिए कहा है.
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated: April 11, 2020, 1:28 PM IST
शिमला. कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से निजात पाने के इन दिनों हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन (Hydroxy Chloroquine) नामक दवा की मांग पूरी दुनिया में है. चूंकि, इस दवा का उत्पादन भारत में बड़ी तादाद में किया जाता है, लिहाजा अमेरिका सहित तमाम दूसरे देश इस दवा को हासिल करने के लिए भारत की तरफ देख रहे हैं. हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन की वैश्विक मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस दवा का निर्माण करने वाली फार्मा कंपनियों (Pharma Companies) को उत्पादन में तेजी लाने के लिए कहा है. साथ ही, केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन के उत्पादन में आ रही कठिनाइयों को जल्द से जल्द दूर किया जाए. ऐसे में हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस दवा के निर्माण को लेकर अपनी गतिविधियां तेज कर दी है.
हर दिन 1 करोड़ हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन के उत्पादन की क्षमता
हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां की करीब 50 कंपनियों के पास हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन नामक दवा के उत्पादन का लाइसेंस है. मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश में करीब 40 लाख गोलियों का स्टॉक है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में मौजूद फार्मा कंपनियों को समय पर कच्चा माल मिलता रहे, तो यहां रोजाना एक करोड़ हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन की गोलियों का निर्माण हो सकता है. वहीं, फार्मा कंपनियों के सामने कच्चे माल की कमी के साथ आ रही दूसरी दिक्कतों को दूर करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार बेहद गंभीरता से काम कर रही है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने डॉ रेड्डीज, कैडिला, अल्केमिस्ट और टोरेटो जैसी फार्मा कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन से बात की है. बातचीत के दौरान, उत्पादन में आ रही परेशानियों को जल्द दूर करने का आश्वासन दिया गया है.
250 फार्मा कंपनियों में हो रहा है दवा का उत्पादनहिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बीते दिनों यह जानकारी दी थी कि सूबे की करीब 250 फार्मा इकाइयों ने दवाओं का फिर से उत्पादन शुरू कर दिया है. इनमें से अधिकांश कंपनियां हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन नामक दवा का उत्पादन करती हैं. इस दवा की न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की महामारी से बचने के लिए मांग हो रही है. उन्होंने बताया था कि इन फार्मा कंपनियों को कच्चा माल लाने और दवाओं को ले जाने के लिए पर्याप्त संख्या में मालवाहक वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके अलावा, दवाओं के निर्माण के लिए फार्मा कंपनियों की तरफ से आपेक्षित संसाधनों की व्यवस्था करने में सरकार मदद करेगी. मौजूदा समय में, लॉकडाउन के चलते फार्मा कंपनियां इन्हीं दोनों समस्याओं से जूझ रही है. पहली समस्या कच्चे माल के आवागमन की है. वहीं दूसरी समस्या लॉकडाउन के चलते कामगारों की उपलब्धता की है. हालांकि सरकार ने दोनों समस्याओं के निवारण के लिए काम शुरू कर दिया है.
मजदूरों को लाने में परिवहन निगम करेगा मदद
फार्मा कंपनियों की समस्या के निवारण के लिए स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गया है. फिलहाल, फार्मा कंपनियों की मदद के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम ने अपना कदम बढ़ाया है. निगम फार्मा कंपनियों में काम करने वाले मजदूरों को लाने में मदद करेगा. हालांकि, नियम की यह मदद तब तक पूरी नहीं कर सकेगा, जब तक उसे बसों के संचालन के लिए प्रत्येक जिले के डीसी से इजाजत नहीं मिल जाए. इस गतिरोध को दूर करने के लिए निगम और फार्मा कंपनियों ने बद्दी, बरोटीवाला व नालगढ़ के प्रशासन से बातचीत शुरू कर दी है.

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हर दिन 1 करोड़ हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन के उत्पादन की क्षमता
हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां की करीब 50 कंपनियों के पास हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन नामक दवा के उत्पादन का लाइसेंस है. मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश में करीब 40 लाख गोलियों का स्टॉक है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में मौजूद फार्मा कंपनियों को समय पर कच्चा माल मिलता रहे, तो यहां रोजाना एक करोड़ हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन की गोलियों का निर्माण हो सकता है. वहीं, फार्मा कंपनियों के सामने कच्चे माल की कमी के साथ आ रही दूसरी दिक्कतों को दूर करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार बेहद गंभीरता से काम कर रही है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने डॉ रेड्डीज, कैडिला, अल्केमिस्ट और टोरेटो जैसी फार्मा कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन से बात की है. बातचीत के दौरान, उत्पादन में आ रही परेशानियों को जल्द दूर करने का आश्वासन दिया गया है.
250 फार्मा कंपनियों में हो रहा है दवा का उत्पादनहिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बीते दिनों यह जानकारी दी थी कि सूबे की करीब 250 फार्मा इकाइयों ने दवाओं का फिर से उत्पादन शुरू कर दिया है. इनमें से अधिकांश कंपनियां हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन नामक दवा का उत्पादन करती हैं. इस दवा की न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की महामारी से बचने के लिए मांग हो रही है. उन्होंने बताया था कि इन फार्मा कंपनियों को कच्चा माल लाने और दवाओं को ले जाने के लिए पर्याप्त संख्या में मालवाहक वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके अलावा, दवाओं के निर्माण के लिए फार्मा कंपनियों की तरफ से आपेक्षित संसाधनों की व्यवस्था करने में सरकार मदद करेगी. मौजूदा समय में, लॉकडाउन के चलते फार्मा कंपनियां इन्हीं दोनों समस्याओं से जूझ रही है. पहली समस्या कच्चे माल के आवागमन की है. वहीं दूसरी समस्या लॉकडाउन के चलते कामगारों की उपलब्धता की है. हालांकि सरकार ने दोनों समस्याओं के निवारण के लिए काम शुरू कर दिया है.
मजदूरों को लाने में परिवहन निगम करेगा मदद
फार्मा कंपनियों की समस्या के निवारण के लिए स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गया है. फिलहाल, फार्मा कंपनियों की मदद के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम ने अपना कदम बढ़ाया है. निगम फार्मा कंपनियों में काम करने वाले मजदूरों को लाने में मदद करेगा. हालांकि, नियम की यह मदद तब तक पूरी नहीं कर सकेगा, जब तक उसे बसों के संचालन के लिए प्रत्येक जिले के डीसी से इजाजत नहीं मिल जाए. इस गतिरोध को दूर करने के लिए निगम और फार्मा कंपनियों ने बद्दी, बरोटीवाला व नालगढ़ के प्रशासन से बातचीत शुरू कर दी है.
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