'पुनर्स्थापन और पुनर्वास के बगैर नहीं चलने देंगे बुलडोजर'

फोरलेन प्रभावितों की औट में हुई बैठक.
जब तक फोरलेन प्रभावितों के लिए पुनर्स्थापन और पुनर्वास को लागू नहीं किया जाता, तब तक लोगों की भूमि पर सरकारी बुलडोजर चलने नहीं दिया जाएगा. यह फैसला मनाली-नागचला फोरलेन प्रभावितों की औट में रविवार को हुई बैठक में लिया गया.
- ETV Haryana/HP
- Last Updated: December 11, 2017, 4:07 PM IST
जब तक फोरलेन प्रभावितों के लिए पुनर्स्थापन और पुनर्वास को लागू नहीं किया जाता, तब तक लोगों की भूमि पर सरकारी बुलडोजर चलने नहीं दिया जाएगा. यह फैसला मनाली-नागचला फोरलेन प्रभावितों की औट में रविवार को हुई बैठक में लिया गया.
फोरलेन संघर्ष समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशहाल ने कहा कि फोरलेन का निर्माण कार्य शुरू हो गया है, लेकिन अभी फोरलेन विस्थापितों के लिए पुनर्स्थापन और पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. फोरलेन की जद में आने से कई कस्बे उजड़ रहे हैं और सैकड़ों लोगों का रोजगार छिन रहा है, लेकिन अभी तक इन कस्बों को बसाने के लिए न तो सरकार, न प्रशासन और न ही एनएचआई ने कोई पहल की है.
उन्होंने कहा कि भू अधिग्रहण कानून 2013 में पुनर्स्थापन और पुनर्वास का प्रावधान किया गया है, लेकिन इस ओर न तो सरकार और न ही प्रशासन ध्यान दे रहा है. उन्होंने साफ किया कि जब तक पुनर्स्थापन और पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की जाती, तब तक निजी भूमि पर सरकार को बुलडोजर नहीं चलाने दिया जाएगा.
फोरलेन संघर्ष समिति के मनाली मंडल अध्यक्ष महेंद्र ठाकुर का कहना है कि लोगों को भूमि और मकान का मुआवजा तो मिल गया है, लेकिन लोगों को एक महीने में घरों को खाली करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. घर को बनाने में कई महीने में लग जाते हैं, लेकिन लोगों पर जबर्दस्ती घरों को खाली करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने मांग की लोगों को घर खाली करने के लिए कुछ महीने का समय दिया जाए. अगर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो उन्हें मजबूरन आरपार की लड़ाई लड़नी पड़ेगी.
फोरलेन संघर्ष समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशहाल ने कहा कि फोरलेन का निर्माण कार्य शुरू हो गया है, लेकिन अभी फोरलेन विस्थापितों के लिए पुनर्स्थापन और पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. फोरलेन की जद में आने से कई कस्बे उजड़ रहे हैं और सैकड़ों लोगों का रोजगार छिन रहा है, लेकिन अभी तक इन कस्बों को बसाने के लिए न तो सरकार, न प्रशासन और न ही एनएचआई ने कोई पहल की है.
उन्होंने कहा कि भू अधिग्रहण कानून 2013 में पुनर्स्थापन और पुनर्वास का प्रावधान किया गया है, लेकिन इस ओर न तो सरकार और न ही प्रशासन ध्यान दे रहा है. उन्होंने साफ किया कि जब तक पुनर्स्थापन और पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की जाती, तब तक निजी भूमि पर सरकार को बुलडोजर नहीं चलाने दिया जाएगा.