स्मार्ट मेडिसिन बॉक्स के मॉडल को केंद्र सरकार ने भी खूब सराहा है
मंडी. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंद्रनगर उपमंडल के तहत आने वाले सीनियर सेकैंडरी स्कूल चौंतड़ा की 10 वीं कक्षा की छात्रा रितिका (Ritika) और नौंवी कक्षा की छात्रा रश्मि (Rashmi) ने स्मार्ट मेडिसिन बॉक्स (Smart Medicine Box) बनाकर देश भर में ना सिर्फ खुद का बल्कि स्कूल और इलाके का नाम भी रोशन किया है. यह सब अटल टिंकरिंग लैब के कारण संभव हो पाया है. केंद्र सरकार के अटल इनोवेशन मिशन के तहत स्कूलों में चलाई जा रही टिंकरिंग लैब के कारण स्टूडेंट नए प्रयोग करने में विशेष दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
दिन में चार बार अलर्ट देगा यह मेडिसिन बॉक्स
चौंतड़ा स्कूल में इस लैब को वर्ष 2016 में स्थापित किया गया है. इस स्कूल की छात्रा रितिका और रश्मि ने लैब प्रभारी संदीप वर्मा के मार्गदर्शन में कुछ नया करने की सोची. रितिका बताती हैं कि स्मार्ट मेडिसिन बॉक्स बनाने का आइडिया उन्हें अपने बुजुर्गों से मिला. उन्होंने देखा कि बुजुर्ग अक्सर समय पर दवाई लेना भूल जाते हैं जिससे उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. इस बात को ध्यान में रखकर रितिका और रश्मि ने स्मार्ट मेडिसिन बॉक्स का निर्माण किया है. यह बॉक्स मरीज को दिन में चार बार दवाई लेने के लिए अलर्ट देने का काम करता है.
दोनों छात्राओं पिता करते हैं मजदूरी
इस मॉडल को रितिका और रश्मि जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित कर चुकी हैं. राष्ट्रीय स्तर पर इस मॉडल की काफी प्रशंसा हुई और केंद्र सरकार ने भी इसे खूब सराहा है. रितिका और रश्मि एक साधारण परिवार से संबंध रखती हैं. दोनों के पिता पिता मजदूरी कर परिवार का भरण—पोषण करते हैं. अटल टिंकरिंग लैब ने इन बेटियों की सोच को हकीकत में बदलने का कार्य किया है।
11वीं की छात्रा ने बनया स्मार्ट डस्टबिन, ऐप से भी जोड़ा
वहीं स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्रा अंचला ठाकुर ने स्मार्ट डस्टबिन का निर्माण किया है. इस डस्टबीन की खासियत यह है कि जब भी व्यक्ति कूड़ा लेकर इसके पास जाएगा तो इसमें लगा सेंसर व्यक्ति के आने की आहट पहचान जाएगा और डस्टबीन का ढक्कन खुद ब खुद खुल जाएगा. डस्टबिन जब पूरी तरह से भर जाएगा तब इसका ढक्कन नहीं खुलेगा. इसे मोबाइल के साथ भी जोड़ा गया है ताकि नगर निकाय तक इसकी जानकारी पहुंच सके और इसे सही समय पर खाली किया जा सके. अंचला ठाकुर बताती है कि अटल टिंकरिंग लैब के कारण उन्हें यह प्रयास करने का मौका मिला. इन्होंने देश के प्रधानामंत्री का अटल टिंकरिंग लैब शुरू करने के लिए धन्यवाद किया है.
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