मंडी आईआईटी के शोधकर्ताओं ने वायु प्रदूषण पर शोध किया है.
मंडी. अगर आपकी उम्र 45 वर्ष या इससे अधिक है और आप ऐसे माहौल में रह रहे हैं जहां की आवो-हवा दूषित है तो फिर आप जल्द ही दिल की बीमारी के शिकार हो सकते हैं. ये भी हो सकता है कि दिल की बीमारी ने आपको अपनी चपेट में ले लिया हो. यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है आईआईटी मंडी के शोध में. आईआईटी मंडी के मानविकी और सामाजिक विज्ञान स्कूल में एसोसिएट प्रोफेसर डा. रमना ठाकुर, रिसर्च स्कॉलर गायत्री और सुजाता ने मिल कर जो शोध पत्र तैयार किया है, वो चेताने के लिए काफी है.
इन्होंने भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में जो डाटा एकत्र किया है उससे यही बात सामने आई है कि वायु प्रदूषण भी अब दिल की बीमारी का मुख्य कारण बनता जा रहा है.
शोधकर्ताओं ने भारत के गांव और शहर दोनों के 45 वर्ष उम्र के 59 हजार से अधिक लोगों के डेटा का विश्लेषण किया और बीमारी के सबसे खतरनाक कारणों का पता लगाया. सीवीडी यानी कार्डियोवैस्कुलर हार्ट डिजीज के कई खतरनाक कारण हैं…जैसे सिस्टोलिक ब्लडप्रेसर अधिक होना, एचडीएल कोलेस्ट्रॉल कम होना, मोटापा, सेहत के लिए हानिकारक खान-पान, पोषण सही नहीं होना, आयु, परिवार में सीवीडी का इतिहास, शारीरिक श्रम/व्यायाम नहीं करना, धूम्रपान और शराब का सेवन आदि.
इसके अतिरिक्त, एक अन्य खतरनाक कारण वायु प्रदूषण का प्रकोप है. सीवीडी दुनिया भर में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है. सालाना लगभग 17.9 मिलियन लोग इससे जान गंवा देते हैं. अध्ययन में यह देखा गया कि भारत के उम्रदराज वयस्कों में सीवीडी के प्रकोप और इसके बढ़ने के लिए पर्यावरण प्रदूषण एक खतरनाक कारण है. भारत की अधिकतर आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और खाना पकाने और ऐसे अन्य कार्यों के लिए प्रदूषण करने वाले ईंधनों का उपयोग करती है. ऐसे ईंधनों के जलने से हानिकारक धुंआं निकलता है जो लोगों की सेहत के लिए खतरनाक है. आपके नजदीक किसी अन्य का धूम्रपान करना, जिसे आमतौर पर अप्रत्यक्ष धूम्रपान कहते हैं, भी दिल धमनी के लिए हानिकारक माना जाता है और यह लगभग खुद धूम्रपान करने की तरह खतरनाक भी है.
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