बर्ड फ्लू के खौफ के बीच मंडी में ब्यास नदी में विदेशी परिंदों की दस्तक

मंडी में विक्टोरिया ब्रिज के नीचे प्रवासी पक्षी.
Migratory Birds at Mandi Beas River: डीएफओ मंडी एसएस कश्यप ने बताया कि विदेशी परिंदे व्यास, नलसर, रिवालसर व सुंदरनगर झील में आए हैं, इनमें कॉमन पोचार्ड, पिनटेल, शोवलर, कोरोमोरंट्स, कॉमन टिल व साइबेरियन शामिल हैं.
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated: January 14, 2021, 11:42 PM IST
मंडी. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा (Kangra) जिले में पौंग झील में विदेशी परींदों की बर्ड फ्लू के चलते मौतों का सिलसिला जारी है. वहीं, मंडी (Mandi) जिले में ठंड बढने के साथ ही शहर के साथ लगती व्यास नदी में दर्जर्नों विदेशी परिंदों (Migratory Birds) ने दस्तक दे दी है. साथ ही कुछ परिंदें यही डेरा डाले हुए हैं.
जानकारी के अनुसार, इस बार हैडेड गूज और ग्रे लैग परिंदों ने पहली बार ब्यास नदी में डेरा डाला है. इस बार हैडेड गूज और ग्रेलैग परिंदें पिछले 25 दिनों से शहर के साथ बह रही व्यास नदी में विक्टोरिया पुल के पास मस्ती कर रहे हैं, जबकि अन्य वर्षों में यह शाम ढलते ही आते थे और सुबह सूर्योदय के साथ ही अगले पड़ाव के लिए रवाना हो जाते थे. वहीं, कॉमन पोचार्ड और रैडी शैलडैक भी यहाँ पर तैराकी कर रहे हैं, लेकिन यह हर साल आने वाले विदेशी परिंदे हैं.
क्या बोले स्थानीय लोग
पिछले पांच साल से मंडी में बर्डिंग कर रहे भगत राम ने बताया कि इस बार, हैडेड गूज और ग्रेलैग परिंदे लम्बे समय से यहीं रुके हुए हैं, जिसका एक बड़ा कारण प्रदूषण का कम होना भी हो सकता है. डीएफओ मंडी एसएस कश्यप ने बताया कि विदेशी परिंदे व्यास, नलसर, रिवालसर व सुंदरनगर झील में आए हैं, इनमें कॉमन पोचार्ड, पिनटेल, शोवलर, कोरोमोरंट्स, कॉमन टिल व साइबेरियन शामिल हैं. इसके अलावा विदेशी परिंदों के आने के साथ ही वन विभाग अन्य विभागों के साथ मिलकर बर्ड फ्लु पर भी अपनी नजर रखे हुए है.
डीएफओ ने की अपील
डीएफओ सुरेंद्र कश्यप ने बताया कि मंडी में विदेशी परिंदों की सुरक्षा के लिए विभाग ने कुछ स्वयंसेवकों को तैनात किया है. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि किसी तरह का कोई भी पक्षी मरा हुआ मिलता है तो उसकी जानकारी शीघ्र ही विभाग को दें या फिर टॉलफ्री नंबर 1077 पर जानकारी दें.
जानकारी के अनुसार, इस बार हैडेड गूज और ग्रे लैग परिंदों ने पहली बार ब्यास नदी में डेरा डाला है. इस बार हैडेड गूज और ग्रेलैग परिंदें पिछले 25 दिनों से शहर के साथ बह रही व्यास नदी में विक्टोरिया पुल के पास मस्ती कर रहे हैं, जबकि अन्य वर्षों में यह शाम ढलते ही आते थे और सुबह सूर्योदय के साथ ही अगले पड़ाव के लिए रवाना हो जाते थे. वहीं, कॉमन पोचार्ड और रैडी शैलडैक भी यहाँ पर तैराकी कर रहे हैं, लेकिन यह हर साल आने वाले विदेशी परिंदे हैं.
क्या बोले स्थानीय लोग
पिछले पांच साल से मंडी में बर्डिंग कर रहे भगत राम ने बताया कि इस बार, हैडेड गूज और ग्रेलैग परिंदे लम्बे समय से यहीं रुके हुए हैं, जिसका एक बड़ा कारण प्रदूषण का कम होना भी हो सकता है. डीएफओ मंडी एसएस कश्यप ने बताया कि विदेशी परिंदे व्यास, नलसर, रिवालसर व सुंदरनगर झील में आए हैं, इनमें कॉमन पोचार्ड, पिनटेल, शोवलर, कोरोमोरंट्स, कॉमन टिल व साइबेरियन शामिल हैं. इसके अलावा विदेशी परिंदों के आने के साथ ही वन विभाग अन्य विभागों के साथ मिलकर बर्ड फ्लु पर भी अपनी नजर रखे हुए है.
डीएफओ ने की अपील
डीएफओ सुरेंद्र कश्यप ने बताया कि मंडी में विदेशी परिंदों की सुरक्षा के लिए विभाग ने कुछ स्वयंसेवकों को तैनात किया है. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि किसी तरह का कोई भी पक्षी मरा हुआ मिलता है तो उसकी जानकारी शीघ्र ही विभाग को दें या फिर टॉलफ्री नंबर 1077 पर जानकारी दें.